scorecardresearch
 

राजस्थान चुनाव: क्या फिर शाही परिवार पर भरोसा करेगी नदबई की जनता

राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. जिसे लेकर दोनों प्रमुख दल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने प्रचार शुरू कर दिया है. राजस्थान हर चुनाव में सत्ता परिवर्तन के लिए जाना जाता है. ऐसे में क्या इस बार वसुंधरा राजे की कुर्सी जाएगी या फिर वो एक नया इतिहास रचेंगी?

Advertisement
X
सीएम वसुंधरा राजे के साथ कृष्णेंद्र कौर
सीएम वसुंधरा राजे के साथ कृष्णेंद्र कौर

Advertisement

राजस्थान जिले के भरतपुर जिले में कुल 7 विधानसभा सीटें हैं. इनमें 5 सीटें सामान्य हैं और 2 अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं. फिलहाल, 5 सीटें बीजेपी के पास हैं और 2 पर कांग्रेस का कब्जा है. कांग्रेस ने एक सीट उपचुनाव में जीती थी.

जिले का चुनावी गणित

2013 विधानसभा चुनाव में जिले के कुल 14,36,021 मतदाताओं में से 10,39,901 लोगों ने अपने मतों का इस्तेमाल किया था. जिले में कुल वोटिंग प्रतिशत 72.4 रहा था. जिसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 38% और कांग्रेस को 25.9% वोट मिला था. बहुजन समाज पार्टी ने भी यहां उत्साहजनक प्रदर्शन करते हुए 16.3% वोट प्राप्त किया था.

नदबई विधानसभा सीट का समीकरण

नदबई विधानसभा सामान्य सीट है और 2013 के विधानसभा चुनाव में यहां से बीजेपी की महिला प्रत्याशी कृष्णेंद्र कौर ने जीत दर्ज की थी. जबकि दूसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी के घनश्याम (बाबा) रहे थे. बीजेपी ने 14556 वोट के अंतर से यह सीट जीती थी.

Advertisement

2013 चुनाव का रिजल्ट

कृष्णेंद्र कौर कौर (बीजेपी)- 60990

घनश्याम बाबा (बीएसपी)- 46434

2008 चुनाव का रिजल्ट

कृष्णेंद्र कौर (बीजेपी)- 45495

यशवंत सिंह (बीएसपी)- 39315

2003 के विधानसभा चुनाव में भी कृष्णेंद्र कौर ने जीत दर्ज की थी और बीएसपी प्रत्याशी संजय कुमार को हराया था. 1998 में यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में यशवंत सिंह जीते थे. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को मात दी थी.

भरतपुर के शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाली कृष्णेंद्र कौर का बड़ा राजनीतिक कद माना जाता है. वह फिलहाल वसुंधरा राजे कैबिनेट में पर्यटन मंत्री भी हैं.

राजस्थान विधानसभा का समीकरण

राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं. इनमें 142 सीट सामान्य, 33 सीट अनुसूचित जाति और 25 सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसने 163 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई थी. बहुजन समाज पार्टी को 3, नेशनल पीपुल्स पार्टी को 4, नेशनल यूनियनिस्ट जमींदारा पार्टी को 2 सीटें मिली थीं. जबकि 7 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे.

Advertisement
Advertisement