कांग्रेस ने लंबे इंतजार के बाद राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट गुरुवार को देर रात जारी कर दी है. कांग्रेस ने 152 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है.
खास बात यह है कि कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची में 9 मुस्लिमों को टिकट दिया है. जबकि 12 फीसदी महिलाओं को शामिल किया गया है, वहीं 2 छात्र नेताओं को भी मौका दिया गया है.
इन महिलाओं को मिला मौका
कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची में 18 महिलाओं को मैदान में उतारा है. इनमें डा. गिरिजा व्यास, पूर्व मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ, इंटरनेशनल खिलाड़ी कृष्णा पूनिया, सोना देवी बावरी, रीटा चौधरी, गंगा देवी, शकुंतला रावत, ममता भूपेश, इंदिरा मीना, मंजू मेघवाल, शोभा सोलंकी, दिव्या मदेरणा, मनीषा पंवार, मंजू मेघवाल, मंजूला देवी रोट, कांता भील, राखी गौतम और निर्मला सहरिया शामिल हैं.
मुस्लिम उम्मीदवार
कांग्रेस ने राजस्थान में अभी तक 9 मुस्लिम उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है. इनमें बीजेपी के कांग्रेस में आए विधायक हबीबुर्रहमान और कांग्रेस के चार पूर्व विधायक नसीम अख्तर, सालेह मोहम्मद, अमीन खान, जाकिर हुसैन का नाम शामिल हैं. इसके अलावा अमीन कागजी, हकीम अली, दानिश अबरार और रफीक मंडेलिया को मौका दिया है. जबकि पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 16 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से एक भी नहीं जीत सके थे. वहीं, बीजेपी ने राजस्थान में 162 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है, जिनमें से एक मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है.
कांग्रेस में वंशवाद
राजस्थान में कांग्रेस की पहली लिस्ट में 15 नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट दिया गया है. इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री अबरार अहमद के बेटे दानिश, महिपाल मदरेणा की बेटी दिव्या, नारायण सिंह के बेटे वीरेंद्र चौधरी, मकबूल मंडेलिया के बेटे रफीक मंडेलिया, हीराला इंदौरा के बेटे कुलदीप, सहदेव शर्मा के बेटे प्रशांत, द्वारका प्रसाद बैरवा के बेटे प्रशांत, गुलाब सिहं के बेटे गजेंद्र सिंह, रामनारायण चौधरी की बेटी रीता, गोविंद सिंह गुर्जर के भाई रमानारायण, खेमराज कटारा के बेटे विवेक, शीशराम ओला के बेटे ब्रजेंद्र सिंह, मलखान विश्नोई के बेटे महेंद्र, जुझार सिंह के बेटे भरत सिंह और भीखा भाई के बेटे सुरेंद्र को टिकट दिया गया है.
छात्र नेता को मौका
वहीं कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची में छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके दो छात्र नेताओं को भी मौका दिया गया है, जिसके तहत परबतसर से रामनिवास गवाडिय़ा और शाहपुरा से मनीष यादव को चुनावी मैदान में उतारा गया है.
कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट में ऐसे किसी भी नेता को विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया, जिन्होंने लगातार दो बार चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस ने पांच सामान्य सीटों पर एससी और एसटी उम्मीदवार उतारें है.