राजस्थान में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. जिसके मद्देजनर दोनों प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के नेता जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने जहां अपना किला बचाने की चुनौती है, वहीं पहली बार कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे सचिन पायलट की आजमाइश भी है.
धौलपुर जिला
मौजूदा मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया का इस जिले से पुराना नाता है. ग्वालियर राजघराने के बेटी वसुंधरा राजे की शादी धौलपुर के आखिरी राजा हेमंत सिंह से हुई थी. हालांकि, 1972 में शादी के कुछ वक्त बाद ही दोनों अलग हो गए थे, लेकिन वसुंधरा राजे धौलपुर की रानी बनकर जनता का स्नेह प्राप्त करती रहीं. उन्होंने एक पुत्र दुष्यंत को जन्म दिया, जो फिलहाल लोकसभा सांसद हैं. एक और दिलचस्प बात ये कि वसुंधरा राने ने अपने राजनीतिक करियर का आगाज इसी धौलपुर से किया था, जब 1985 में उन्होंने पहली बार धौलपुर सीट से विधानसभा चुनाव जीता था.
जिले का चुनावी समीकरण
धौलपुर जिला मेवात-ब्रज-मत्स्य रीजन में आता है और यहां कुल 4 विधानसभा सीट हैं. 2013 के चुनाव में जिले में कुल 6,50,998 वोटर्स थे, जिनमें से 5,00,624 लोगों (76.9%) ने अपने मतों का इस्तेमाल किया था. यहां 3 सीटें सामान्य वर्ग के लिए हैं, जबकि 1 सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है. सामान्य सीटों में बाड़ी, धौलपुर और राजाखेड़ा है, जबकि बसेड़ी एससी सीट है. जिले में करीब 6 फीसदी मुस्लिम आबादी है.
धौलपुर सीट
सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित यह सीट करौली-धौलपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की आबादी 3 लाख 16 हजार है, जिसमें 21 फीसदी एससी आबादी है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के मनोज राजोरिया यहां से सांसद निर्वाचित हुए थे. 2013 के चुनाव में यहां से बहुजन समाज पार्टी के बीएल कुशवाहा को जीत मिली थी, लेकिन एक कत्ल की साजिश रचने के आरोप में दिसंबर 2016 में बीएल कुशवाहा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई और कुशवाहा की पत्नी शोभारानी बीजेपी में शामिल हो गईं. 2017 में शोभारानी ने बीजेपी के टिकट यहां से उपचुनाव लड़ा और वह जीत गईं.
2013 चुनाव का रिजल्ट
बीएल कुशवाहा (बीएसपी)- 49,892 (38%)
बनवारी लाल शर्मा (कांग्रेस)- 40,683 (31%)
अब्दुल सगीर खान (बीजेपी)- 35,351 (27%)
2008 चुनाव का रिजल्ट
अब्दुल सगीर खान (बीजेपी)- 28,077 (29%)
अशोक शर्मा (कांग्रेस)- 26,523 (27%)
बाबू सिंह (बीएसपी)- 25,822 (27%)
विधानसभा का समीकरण
राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं. इनमें 142 सीट सामान्य, 33 सीट अनुसूचित जाति और 25 सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसने 163 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई थी. बहुजन समाज पार्टी को 3, नेशनल पीपुल्स पार्टी को 4, नेशनल यूनियनिस्ट जमींदारा पार्टी को 2 सीटें मिली थीं. जबकि 7 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे.