मरू प्रदेश राजस्थान भी विधानसभा चुनाव 2018 के लिए तैयार हो रहा है और प्रदेश की जनता भी अपना जन-प्रतिनिधि चुनने के लिए तैयार है. प्रदेश की सत्ता का केंद्र जयपुर भी चुनाव के स्वागत के लिए तैयार है. आइए जानते हैं क्या है जयपुर और उसकी दूदू सीट का हाल...
दरअसल जयपुर जिला भी बीजेपी का गढ़ माना जाता है. जयपुर जिले में 19 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें एक सीट पर कांग्रेस, 16 सीटों पर बीजेपी, एक सीट पर निर्दलीय और एक सीट पर एनपीपी [नेशनल पीपुल्स पार्टी] का कब्जा है. वहीं इसमें जयपुर शहर की सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी.
दूदू विधानसभा क्षेत्र एससी के लिए आरक्षित है और इसका कुछ क्षेत्र अजमेर लोकसभा क्षेत्र में आता है. यहां कांग्रेस के बाबूलाल नागर कई सालों से जीतते आ रहे थे, लेकिन कई आरोपों से घिरे नागर का सिलसिला 2013 में खत्म हो गया. उनके स्थान पर उनके भाई हजारी लाल नागर मैदान में उतरे, जिन्हें निराशा हाथ लगी. साल 2017 की वोटिंग लिस्ट के अनुसार क्षेत्र में 225843 मतदाता और 257 मतदाता केंद्र हैं. साथ ही क्षेत्र की जनसंख्या में 19.85 फीसदी एससी और 3.68 फीसदी एसटी का योगदान है.
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2013 विधानसभा चुनाव
2013 में दूद विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के प्रेमचंद ने कांग्रेस के हजारी लाल नागर को 33720 वोटों से हराया था. बता दें कि हजारी लाल नागर जयपुर के जिला प्रमुख भी रहे हैं और पूर्व मंत्री बाबूलाल नागर के भाई हैं. इस दौरान प्रेमचंद को 86239 और हजारी लाल नागर को 52519 वोट मिले थे. इस बार 199070 मतदाताओं में से 147789 मतदाताओं ने अपना मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
2008 विधानसभा चुनाव
वहीं 2008 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बाबूलाल नागर ने बीजेपी के बाबूलाल को हराया था. इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार बाबूलाल को 57974 जबकि बाबूलाल नागर को 63287 वोट हासिल हुए थे.
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विधानसभा का समीकरण
राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं. इनमें 142 सीट सामान्य, 33 सीट अनुसूचित जाति और 25 सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसने 163 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई थी. बहुजन समाज पार्टी को 3, नेशनल पीपुल्स पार्टी को 4, नेशनल यूनियनिस्ट जमींदारा पार्टी को 2 सीटें मिली थीं. जबकि 7 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे.