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राजस्थान: कोटा के सांगोद में कांग्रेस-बीजेपी में कांटे की टक्कर?

राजस्थान में विधानसभा की कुल 200 सीटें हैं, साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 163 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. जबकि कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई. बसपा को 3, NPP को 4, NUZP को 2 सीटें मिली थीं. जबकि 7 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे.

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सीएम वसुंधरा राजे की रैली में जीत का इशारा करता बच्चा.
सीएम वसुंधरा राजे की रैली में जीत का इशारा करता बच्चा.

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राजस्थान चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गौरव यात्रा के माध्यम से सरकार की उपलब्धियों का तमगा लेकर जनता के बीच हैं. वहीं कांग्रेस भी राजस्थान सरकार की नाकामियों को उजागर करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है और अपनी संकल्प रैली के माध्यम से पार्टी में एकता का संदेश दे रही है.

हाड़ौती क्षेत्र की बात करें तो ये राजस्थान का वो इलाका है, जो सत्तारूढ़ दल भाजपा का गढ़ रहा है. कुछेक चुनाव को छोड़कर हाड़ौती में भाजपा का हमेशा ही डंका बजता आया है. क्योंकि इस क्षेत्र का कोटा, बारां, बूंदी और झालावाड़ जिला पहले संघ का और फिर जनसंघ का मजबूत गढ़ रहा है. पिछली बार हाड़ौती के चारों जिलों की 17 सीटों में से कांग्रेस को महज एक सीट पर संतोष करना पड़ा था. ऐसे में भाजपा, संघ और सीएम के निर्वाचन क्षेत्र के इस मजबूत गढ़ को भेदने के लिए कांग्रेस ने पूरे चार साल यहां पर विशेष नजर रखी.

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हाड़ौती क्षेत्र के कोटा जिले की बात करें तो यह जिला एजुकेशन हब के नाम से पूरे भारत में मशहूर है. उच्च शिक्षा में कोचिंग की संस्थाने एक उद्योग की तरह कोटा में विकसित हुई हैं जिसे यहां की अर्थव्यवस्था की धुरी माना जाता है. इसके साथ ही हाड़ौती के प्रमुख कोटा स्टोन उद्योग का भी केंद्र है.

कोटा जिले में 6 विधानसभा सीट- पिपल्दा, सांगोद, कोटा उत्तर, कोटा दक्षिण, लाडपुरा और रामगंज मंडी पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है. सांगोद विधानसभा क्षेत्र संख्या 188 की बात करें तो यह सामान्य सीट है. 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की कुल जनसंख्या 264875 है, जिसका 91.75 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण और 8.25 प्रतिशत हिस्सा शहरी है. वहीं कुल आबादी का 22.93 फीसदी अनुसूचित जाति और 12.45 फीसदी अनुसूचित जनजाति हैं.

2017 की वोटर लिस्ट के अनुसार सांगोद में मतदाताओं की कुल संख्या 184051 है और 242 पोलिंग बूथ हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 76.97 फीसदी मतदान हुआ था. जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में 66.82 फीसदी मतदान हुआ था.

2013 विधानसभा चुनाव का परिणाम

साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हीरालाल नागर ने कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर को 19232 वोटों से पराजित किया था. बीजेपी के हीरालाल नागर को 70495 और कांग्रेस के भरत सिंह कुंदनपुर को 51263 वोट मिले थें.

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2008 विधानसभा चुनाव का परिणाम

साल 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के भरत सिंह कुंदनपुर ने बीजेपी के हीरालाल नागर को 9364 मतों से शिकस्त दी. कांग्रेस के भरत सिंह कुंदनपुर को 52294 और बीजेपी के हीरालाल नागर को 42930 वोट मिले थें.    

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