कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव प्रचार के सिलसिले में आज राजस्थान में हैं. बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं के बाद अब कांग्रेस भी शेखावाटी में अपना प्रभुत्व बढ़ाने की कोशिश कर रही है. सियासी तौर पर शेखावाटी जितना अहम है, उतना ही सीकर राजस्थान के इतिहास में अहम स्थान रखता है. भारतीय सेना से लेकर राष्ट्रपति भवन तक शेखावाटी के लोगों ने अहम पदों पर भूमिका निभाई है.
वीरभान का बास था नाम
सीकर राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है. यह अपनी कला, संस्कृति और पधारो म्हारे देश रवैये के लिए मशहूर है. रियासतों के समय में सीकर ठिकाना, जयपुर रियासत का ही एक हिस्सा था. सीकर की स्थापना 1687 ई. के आसपास राव दौलत सिंह ने की, जहां आज सीकर शहर का गढ़ बना हुआ है. वह उस जमाने में वीरभान का बास नामक गांव होता था.
कल्याण सिंह थे अंतिम शासक
सीकर ठिकाना, सीकर का राजधानी शहर था. 1687 में, राव दौलत सिंह ने नया ठिकाना सीकर की नींव रखी थी. यहां कई राव राजाओं का शासन रहा. राव राजा कल्याण सिंह सीकर (1922/1967) के अंतिम शासक थे. उन्होंने 32 साल तक यहां शासन किया था. वो तालाबों से अपने प्यार के लिए प्रसिद्ध थे. बता दें कि जिले में कल्याण सिंह के नाम से कई इमारते हैं.
सीकर के थे राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति
क्षेत्र के प्रशासनिक मुख्यालय जयपुर के बाद राज्य में दूसरा सबसे विकसित शहर सीकर ही है. राजपूत जाति में यहां शेखावतों का बाहुल्य है. इस क्षेत्र ने देश को राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, सैन्य अधिकारियों समेत बिजनेस जगत की हस्तियां भी दी हैं. भारत के पूर्व उप-राष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत यहां के थे और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल यहां की बहू हैं. वहीं बजाज परिवार, बिरला परिवार और गोयनका भी इसी जिले के हैं.
आजादी की जंग में थी अहम भूमिका
सीकर जिले ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 1857 की क्रांति के समय अंग्रेजी राज के विरुद्ध जन चेतना जगाने वाले डूंगजी-जवाहरजी सीकर के बठोठ-पाटोदा के रहने वाले थे. लोठिया जाट और करणा भील डूंगजी जवाहरजी के साथी थे. कहा जाता है कि इसी क्षेत्र में तात्या टोपे ने 1857 की क्रांति के समय शरण प्राप्त की थी. जिले के पचार गांव के रहने वाले गोविंद नारायण पुरोहित 'हिंदुस्तानी' ने भी आजादी के वक्त काफी संघर्ष किया, जिसके बाद उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सम्मानित किया था.
सीकर जिले का चुनावी समीकरण
सीकर जिला शेखावाटी रीजन में आता है और यहां कुल 8 विधानसभा सीट हैं. 2013 के चुनाव में जिले में कुल 16 लाख 76 हजार 24 वोटर थे, जिनमें से 12 लाख 42 हजार 35 लोगों (74.1%) ने अपने मतों का इस्तेमाल किया था. यहां 7 सीटें सामान्य वर्ग के लिए हैं, जबकि 1 सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है. जिले में करीब साढ़े 12 फीसदी मुस्लिम आबादी है. सामान्य सीटों में फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़, सीकर, दांतारामगढ़, खंडेला, नीम का थाना, श्रीमाधोपुर है, जबकि धोद सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. कुल 8 सीटों में पिछले चुनाव में बीजेपी को 5, कांग्रेस को 2 और 1 सीट निर्दलीय को मिली थी.