राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 की आगाज होने वाला है और सभी पार्टी और नेताओं ने अपनी कमर कस ली है. ग्रामीण इलाकों की तरह शहरों में चुनावी शोर बढ़ गया है, जिसमें जयपुर शहर भी अधूरा नहीं है. आइए जानते हैं क्या है जयपुर और उसकी फुलेरा सीट का हाल...
दरअसल जयपुर जिला भी बीजेपी का गढ़ माना जाता है. जयपुर जिले में 19 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें एक सीट पर कांग्रेस, 16 सीटों पर बीजेपी, एक सीट पर निर्दलीय और एक सीट पर एनपीपी [नेशनल पीपुल्स पार्टी] का कब्जा है. वहीं इसमें जयपुर शहर की सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी.
अगर फुलेरा विधानसभा सीट की बात करें तो इस क्षेत्र में सांभर, किशनगढ़, भैंसलाना, हरसोली आदि इलाके आते हैं. निर्मल कुमावत यहां दो बार से विधायक हैं और 2008 में हार का सामना करने वाले हरी सिंह भी चार बार विधायक रह चुके हैं. साल 2017 की वोटिंग लिस्ट के अनुसार क्षेत्र में 229719 मतदाता और 247 मतदाता केंद्र हैं. साथ ही क्षेत्र की जनसंख्या में 19.71 फीसदी एससी और 3.15 फीसदी एसटी का योगदान है.
राजस्थान: क्या गुटबाजी की शिकार है BJP? एक मंच पर नहीं दिख रहे हैं दिग्गज
2013 विधानसभा चुनाव
2013 में फुलेरा विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के निर्मल कुमावत ने 84722 वोटों के साथ जीत दर्ज की थी. वहीं दूसरे स्थान पर कांग्रेस के बजरंग रहे थे, जिन्हें 60425 वोट मिले थे. इस बार 206376 मतदाताओं में से 151652 मतदाताओं ने अपना मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
2008 विधानसभा चुनाव
वहीं 2008 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के निर्मल कुमावत ने कांग्रेस के हरी सिंह को हराया था. इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार निर्मल कुमावत को 59140 और हरी सिंह को 56430 वोट हासिल हुए थे.
क्या राजस्थान में जाट राजनीति का सियासी शून्य भर पाएंगे हनुमान बेनीवाल?
विधानसभा का समीकरण
राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं. इनमें 142 सीट सामान्य, 33 सीट अनुसूचित जाति और 25 सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसने 163 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई थी. बहुजन समाज पार्टी को 3, नेशनल पीपुल्स पार्टी को 4, नेशनल यूनियनिस्ट जमींदारा पार्टी को 2 सीटें मिली थीं. जबकि 7 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे.