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राजस्थान चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद कांग्रेस-बीजेपी में टिकट को लेकर घमासान

साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजस्थान में सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस में टिकट को लेकर गहमागहमी शुरू हो गई. बीजेपी जनता के गुस्से को कमतर करने के लिए मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकती है.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

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विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी में टिकट बंटवारे को लेकर गहमागहमी शुरू हो गई है. दोनों दलों में जंग ज्यादा से ज्यादा टिकट अपने-अपने खेमे के लोगों को दिलाने की है.

राहुल लगाएंगे टिकट पर आखिरी मुहर

मंगलवार को जयपुर में कांग्रेस की चुनाव प्रबंधन समिति की मीटिंग हुई जिसमें हिस्सा लेने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट, स्क्रीनिंग कमेटी की प्रमुख कुमारी शैलजा और कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत पहुंचे. बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साफ किया कि टिकट योग्य लोगों को मिलेगा और जरूरत पड़ेगी तो व्यक्तिगत रूप से टिकटार्थी को बुलाकर उनसे बात की जाएगी. उसके बाद ही टिकट तय होगा. मुख्यमंत्री के सवाल पर गहलोत ने कहा कि विधायक तय करेंगे कि सीएम कौन बनेगा और इसपर अंतिम आलाकमान का होगा.

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बैठक के बाद प्रेस वार्ता करते हुए स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख कुमारी शैलजा ने कहा कि इलेक्शन कमेटी की मीटिंग में टिकट बंटवारा पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी तय करेंगे.

वसुंधरा तय करना चाहती हैं टिकट

कमोबेश यही हालत बीजेपी के अंदर भी है बीजेपी के अंदर यह घमासान चल रहा है कि टिकट बंटवारा इस बार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के हाथ में होगा या फिर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उम्मीदवार तय करेंगे.

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कैंपेन कमेटी के मीटिंग में इशारों-इशारों में कह दिया टिकट तो वही बांटेंगी, वरना बीजेपी राजस्थान में चुनाव हार सकती है. जबकि अमित शाह का खेमा ये समझाने में लगा है कि इस बार टिकट का बंटवारा केंद्रीय स्तर पर होना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा विधायकों का टिकट काटा जा सके. मौजूदा विधायकों की टिकट कटने पर जनता की नाराजगी कम होगी.

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