एग्जिट पोल के नतीजों से उत्साहित कांग्रेस के सभी बड़े नेता पिछले तीन दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच मुख्यमंत्री पद की कुर्सी को लेकर अंदरखाने मची खिंचतान में दोनों ही नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी से लेकर कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं से मिल रहे हैं. जबकि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खंडित जनादेश की उम्मीद ऐसे निर्दलीय उम्मीदवारों को फोन कर रहीं हैं जिनके जीतने की उम्मीद है.
7 दिसबंर को चुनाव खत्म होते ही राज्य में कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री बनने का सपना संजोए महासचिव अशोक गहलोत दिल्ली रवाना हो गए. अगले दिन अशोक गहलोत के कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की. सूचना मिलते ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट भी दिल्ली दरबार में पहुंच गए. दोनों ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर चुनाव का फिडबैक देने के बहाने अपनी दावेदारी भी जता दी. पायलट राहुल के करीबी माने जाते हैं, तो गहलोत को सोनिया गांधी बहुत पसंद करती हैं. मतगणना की तैयारियों को कार्यकर्ताओं के भरोसे छोड़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीएम बनने की जंग में उलझे हैं.
कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी और चुनाव अभियान समीति के अध्यक्ष रघु शर्मा को भी लग रहा है कि दोनों बड़े नेताओं की लड़ाई में मुख्यमंत्री पद उनकी झोली में भी आ सकता है, लिहाजा ये दोनों भी दिल्ली में कैंप किए हुए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष के लिए अपने नेतृत्व क्षमता की चुनौती की असली परीक्षा अब आई है. कांग्रेस जीतती है तो माना जाएगा कि अब तक बीजेपी से नाराज जनता कांग्रेस को लेकर आना चाहती थी मगर उसके आगे घर की लड़ाई सुलझाना राहुल के सामने सबसे बड़ी चुनौती है.
इस बीच मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपनी सरकार के लिए एग्जिट पोल में शुभ समाचार न पाकर पिछले दो दिनों से अबीजेपी दफ्तर में नेताओं के साथ मीटिंग कर रही हैं. बीजेपी को अभी लगता है कि वो रेस में है इसलिए कुछ विधायक कम पड़ जाएं तो इसकी तैयारी अभी से की जा रही है. वसुंधरा राजे ने ऐसे निर्दलीय उम्मीदवारों की लिस्ट बनाई है जो चुनाव जीत सकते हैं और उनको साथ देने के लिए व्यक्तिगत फोन कर रही हैं.
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