चुनावी साल में भी खेमे में बंटी दिख रही राजस्थान कांग्रेस ने एकजुटता दिखाने के लिए नया तरीका खोज निकाला है और पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता के बीच सब कुछ सही का संदेश देने के लिए बस का सहारा ले रही है.
सत्ता में वापसी की कोशिशों में जुटी राजस्थान कांग्रेस इस बार कोई मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहती और वह इसकी तैयारी में भी जुट गई है. नेताओं के बीच एकजुटता दर्शाने के लिए राजस्थान में जहां-जहां कांग्रेस की रैलियां हो रही है वहां पर एक ही बस में भरकर कांग्रेस के सभी शीर्ष नेताओं को ले जाया जा रहा है.
एक साथ रैली के लिए हुए रवाना
ऐसा ही यह नजारा जयपुर में भी दिखा जब कांग्रेस के सभी बड़े नेता खासा कोठी होटल में एकत्र हुए और फिर बस में एक साथ बैठकर करौली रैली के लिए रवाना हो गए.जयपुर के खासा कोठी से बस में कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत, राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट, कांग्रेस महासचिव सीपी जोशी, राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे और मोहन प्रकाश समेत दूसरे राज्यों के कई बड़े नेता बस से करौली के लिए रवाना हुए. करीब 4 घंटे की यात्रा सभी नेता बस में एक साथ की.
कांग्रेस मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गढ़ में चुनावी शंखनाद करने जा रही है. भरतपुर संभाग की रैली करौली में हो रही है जिसमें वसुंधरा राजे का क्षेत्र धौलपुर भी आता है. यह इलाका कांग्रेस के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण है.
कांग्रेस के पास अभी जो 19 सीटें हैं उसमें से 6 सीटें इसी क्षेत्र से है. लिहाजा पूरे दमखम के साथ कांग्रेस करौली में संकल्प रैली कर रही है.
जनता के बीच संदेश
दरअसल बस में एक साथ बस में भेजने के पीछे की रणनीति यह है कि एक तरफ तो कांग्रेस के नेताओं के एक साथ होने का संदेश कार्यकर्ताओं और जनता के बीच जाए. दूसरा यह कि अब तक रैली में शामिल होने के लिए नेतागण अलग-अलग गाड़ियों से जाते थे और अलग-अलग समय से पहुंचते थे जिससे स्वागत सत्कार करने और अन्य चीजों में देरी हो जाती थी. साथ ही जनता में गलत संदेश भी जाता था.
इस बीच राजस्थान कांग्रेस ने घोषणा की कि कांग्रेस राहुल गांधी एक बार फिर से राजस्थान में चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए आएंगे. इस बार कांग्रेस ने अपनी सभा मेवाड़ में भी रखी है. जिसके बारे में कहा जा रहा है कि बांसवाड़ा या डूंगर दोनों में से किसी एक जगह पर राहुल गांधी की रैली हो सकती है.