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शराब का विरोध कर रही महिलाओं से बोले मंत्री- नहीं चाहिए तुम्हारा वोट, कुएं में फेंक देना

यह महिलाएं गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया से अपने क्षेत्र में शराब की दुकान को अन्य जगह स्थानांतरित करवाने को लेकर गुहार लगा रही थीं, लेकिन गुलाबचंद कटारिया ने महिलाओं पर चिल्लाते हुए उन्हें उनके वोट को कुएं में डालने तक की नसीहत दे डाली.

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गुलाबचंद कटारिया
गुलाबचंद कटारिया

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राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और राज्य के बीजेपी के कद्दावर नेता और गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया उदयपुर में जन सुनवाई के दौरान महिलाओं पर बिफर पड़े. गुलाबचंद कटारिया ने अपने पास फरियाद लेकर आई महिलाओं को कहा कि हमें चुनाव में तुम्हारा वोट नहीं चाहिए, तुम अपना वोट कुएं में फेंक देना.

दरअसल यह महिलाएं गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया से अपने क्षेत्र में शराब की दुकान को अन्य जगह स्थानांतरित करवाने को लेकर गुहार लगा रही थीं, लेकिन गुलाबचंद कटारिया ने महिलाओं पर चिल्लाते हुए उनसे कहा कि उन्हें उनके वोट नहीं चाहिए और वो अपने वोट को कुएं में डाल दें. गुलाबचंद कटारिया यह भी याद नहीं रख पाए कि यह वही जनता है जिन्होंने वर्ष 2013 के चुनावों में 24 हजार वोटों से जिता कर उन्हें राजस्थान की विधानसभा में भेजा था. कटारिया द्वारा इस तरह के किये गए दुर्व्यवहार का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता कटारिया पर निशाना साधने से नहीं चूक रहे हैं.

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इस समय आखिर सवाल यह उठता है कि कैसे यह नेता जनता के द्वारा दिए गए सिंहासन पर बैठने के बाद सत्ता के नशे में इतने मदमस्त हो जाते हैं कि वो उन्हीं की बातों को अनसुना करते हैं और जनता के लिए काम नहीं करते. इस पूरे मामले के मीडिया और सोशल मीडिया में आने के बाद गुलाबचंद कटारिया के तेवर जरूर ढीले पड़े हैं. उन्होंने इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा कि उनके द्वारा इस क्षेत्र में बहुत से विकास कार्य करवाए गए हैं. ऐसे में जिस तरीके से महिलाएं उन्हें ताने मार रही थीं उस पर मैंने इस तरह की बात कह दी.

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद गुलाबचंद कटारिया ने सफाई देते हुए कहा कि मैं हर समस्या के लिए बहुत ही मन से काम करता हूं. मैंने उनके लिए बी उस मीटिंग में ही कह दिया जब तक यह शराब का ठेका यहां से नहीं हटता है तब तक 2 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी यहां लगा देता हूं, ताकि कोई भी व्यक्ति शराब पीने के बाद हंगामा नहीं कर सके. और जब कोई नया टेंडर होगा तभी इस ठेके को यहां से अलग जगह स्थापित कर दिया जाएगा. इससे अधिक सच और क्या हो सकता है. उसके बाद भी महिलाएं यह कहने लगीं कि आप वोट लेने के लिए आ जाते हो, तो मैंने भी गुस्से में कह दिया कि नहीं चाहिए तुम्हारे वोट. काम भी करते हैं और तुम्हारे ताने भी सुनें यह कहां तक ठीक है?

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