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सचिन पायलट ने दलित के घर खाया खाना तो जूते-चप्पल की दुकान पर दिनभर रहीं वसुंधरा

अपने बीच सीएम साहिबा का पाकर दुकानदारों ने बिचौलिया हटाने के लिए धौलपुर में लेदर फैक्ट्री लगाने की मांग की तो वसुंधरा राजे ने हाथ के हाथ अधिकारियों से इसकी संभावना तलाशने के निर्देश दे दिए. बीजेपी की सीएम वसुंधरा ही नहीं कांग्रेस के नेता सचिन पायलट भी जनता के बीच पार्टी की नीतियों को पहुंचाने में जुटे हैं.

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दलित के घर भोजन करते सचिन पायलट
दलित के घर भोजन करते सचिन पायलट

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राजस्थान में विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम का वक्त बचा है ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी अपने-अपने तरीके से लोगों को लुभाने में लगी है. दोनों ही पार्टियों के नेता जनता के बीच जाकर उन्हें अपने खेमे में लेने की कोशिशों में जुटे हैं ताकि चुनाव के वक्त वोटर उनकी पार्टी का साथ जुड़ सकें.

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मंगलवार को लोगों से जुड़ने के लिए धौलपुर के सहेली बाजार में घूमने निकलीं और एक जूते-चप्पल की दुकान पर जा बैठी. जूते चप्पल की दुकान चहल सिंह नाम के दुकानदार की थी. वसुंधरा राजे ने बाजार में घूम-घूमकर दुकानदारों से बातचीत की. साथ ही कारोबारियों का हालचाल जाना और पूछा कि इस सरकार को उनके लिए और क्या करना चाहिए.

अपने बीच सीएम साहिबा को पाकर दुकानदारों ने बिचौलिया हटाने के लिए धौलपुर में लेदर फैक्ट्री लगाने की मांग की तो वसुंधरा राजे ने हाथ के हाथ अधिकारियों से इसकी संभावना तलाशने के निर्देश दे दिए. बीजेपी की सीएम वसुंधरा ही नहीं कांग्रेस के नेता सचिन पायलट भी जनता के बीच अपनी पार्टी की नीतियों को पहुंचाने में जुटे हैं.

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सचिन पायलट अजमेर में सक्रिय रहे. अजमेर में लोकसभा उपचुनाव होने हैं और यह सीट सचिन पायलट की रही है. पायलट इस बार चुनाव तो नहीं लड़ रहे हैं लेकिन चुनाव में जीत उनके लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है.

ऐसे में पायलट ने दलितों के साथ यहां खाना खाया और एक दलित शंकर लाल मोर्य के घर रात बिताई. पायलट का यह दलित मिशन वसुंधरा राजे की राजनीतिक काट के रूप में देखा जा रहा है. वसुंधरा राजे अलग-अलग जाति के नेताओं के साथ बैठक कर रही हैं, जबकि सचिन पायलट दलित कार्ड खेल रहे हैं लेकिन दोनों ही पार्टी के नेताओं ने अब जनता के बीच जाकर नब्ज टटोलना शुरू कर दी है.

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