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राजस्थान में टिकट वितरण बड़ी चुनौती, BJP-कांग्रेस में मंथन जारी

राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारुढ़ बीजेपी और कांग्रेस इन दिनों चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, लेकिन उससे ज्यादा उनके लिए टिकट वितरण बड़ी चुनौती बनी हुई है. दोनों ही दल प्रचार की जगह टिकट वितरण में जुट गए हैं.

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टिकट बंटवारे को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में माथापच्ची (फाइल/PTI)
टिकट बंटवारे को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में माथापच्ची (फाइल/PTI)

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राजस्थान विधानसभा चुनाव में सत्तारुढ़ बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अब चुनाव अभियान को रोककर टिकट वितरण के माथापच्ची में लग गई हैं.

कांग्रेस में जहां दिल्ली मुख्यालय में टिकट वितरण के लिए बनी स्क्रीनिंग कमिटी माथापच्ची कर रही है तो दूसरी तरफ जयपुर में वसुंधरा राजे बीजेपी की कोर कमेटी के साथ 22 गोदाम के एक होटल में टिकट वितरण को लेकर विचार-विमर्श कर रही हैं.

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने करीब 80 विवाद रहित सीटों पर नाम तय कर लिए हैं. बताया जा रहा है कि वो आज दिल्ली पहुंचेंगी, जहां 31 अक्टूबर और एक नवंबर को दिल्ली में बीजेपी के पार्लियामेंट बोर्ड में एक नामों की सीटों पर करीब 80 उम्मीदवारों की लिस्ट आ जाएगी और उसके बाद हरी झंडी मिलने पर 5 अक्टूबर तक नामों की पहली सूची की घोषणा कर दी जाएगी.

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इससे पहले राजस्थान के प्रभारी बनकर आए मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह समेत कोर कमेटी के सदस्यों के साथ मिलकर वसुंधरा राजे ने करीब 80 सीटों पर नाम छांट कर एक लिस्ट बनाई है.

केंद्रीय नेतृत्व से तानातनी

हालांकि बीजेपी में टिकट वितरण को लेकर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व और वसुंधरा राजे में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. वसुंधरा के गृह नगर धौलपुर में सोमवार को बीजेपी जिला अध्यक्ष ने पार्लियामेंट बोर्ड की अनुमति के बगैर बीजेपी के लेटर हेड पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर घोषणा कर दी कि धौलपुर में बीजेपी के उम्मीदवार आशा रानी कुशवाहा होंगी.

बाद में हंगामा बढ़ने पर जिलाध्यक्ष ने कहा कि राज्य के शीर्ष नेतृत्व से हरी झंडी मिलने के बाद ही नाम की घोषणा की गई है. आशा रानी कुशवाहा ने नाम की घोषणा होने के बाद प्रचार भी शुरू कर दिया है जबकि बीजेपी की तरफ से पार्लियामेंट्री बोर्ड की तरफ से अभी तक कोई नाम नहीं आया है.

माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे यह देखने की कोशिश कर रही हैं कि केंद्रीय नेतृत्व उनके फैसले को चुनौती देता है या नहीं.

कांग्रेस में भी टिकट को लेकर संघर्ष

उधर, कांग्रेस की ओर से टिकट वितरण को लेकर बनी स्क्रीनिंग कमेटी में राहुल गांधी की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि कांग्रेस के महासचिव और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी मेंबर बनाया गया है यानी टिकट वितरण में जिस तरह से गहलोत और सचिन पायलट की ठनी हुई थी, इसमें गांधी ने स्क्रीनिंग कमेटी में गहलोत को शामिल कर संदेश दे दिया है टिकटों के वितरण में उनकी भी चलेगी.

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राहुल गांधी की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजस्थान में अशोक गहलोत को स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल किया जाता है. ऐसे में मुख्यमंत्री कौन बनेगा इस बात को लेकर एक बार फिर से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.

माना जा रहा है कि कांग्रेस में एक नवंबर तक करीब 70 लोगों की सूची तैयार कर ली जाएगी जिसमें बड़े नेता शामिल हैं और इन सीटों पर कोई विवाद भी नहीं है.

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