राजस्थान में विधानसभा भंग की जा चुकी है. नई विधानसभा का गठन अभी नही हुआ है. कांग्रेस की सरकार सत्ता में आ चुकी है, लेकिन पिछली बीजेपी सरकार के विधानसभा अध्यक्ष का चुपके से बीजेपी विधायकों को बंगला आवंटित करने का अजीबोगरीब मामला सामने आया है. बिना हाउसिंग कमेटी के बने ही करीब 37 विधायकों को बंगला आवंटित कर दिया गया है. निर्वाचित विधायक पूरे मामले की जांच की मांग कर रहे हैं.
बता दें, राजस्थान में सत्ता परिवर्तन हो चुका है. बीजेपी के हाथ से सरकार जा चुकी है, लेकिन उनके मंत्रियों और विधायकों को लगता है कम से कम अपने पास बंगला तो रह जाएं. नए स्पीकर के चयन से पहले ही 16 दिसंबर को बीजेपी सरकार में विधान सभा अध्यक्ष रहे कैलाश मेघवाल ने 37 विधायकों को आवास आवंटित कर दिया. खास बात यह है कि राज्यपाल ने 12 दिसंबर को ही विधानसभा भंग कर दी थी और 17 दिसंबर को नई सरकार को शपथ भी दिला दी, लेकिन एक दिन पहले यानि 16 दिसंबर को बीजेपी के विधानसभा अध्यक्ष और मौजूदा विधायक कैलाश मेघवाल ने बीजेपी विधायकों और मंत्रियों को बंगला आवंटित कर दिया. यह मामला तब सामने आया जब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष और खींवसर से तीन बार विधायक रहे हनुमान बेनीवाल का बंगला भी किसी और को आवंटित होने लगा.
इस मामले के सामने आने के बाद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए. स्पीकर ने अनुचित तरीके से आवास आवंटित किए हैं. वहीं, अजमेर से विधायक और वसुंधरा सरकार में महिला कल्याण मंत्री रहीं अनिता भदेल मामले पर कुछ भी कहने से बचती दिखीं.
हालांकि कांग्रेस के विधायकों ने सुना कि बंगला बंट रहा है तो वो भी आवेदन करने बीजेपी विधायक और स्पीकर मेघनाथ के पास पहुंच गए. विधायकों का कहना है कि कई बार वास्तु और लोकेशन की चिंता रहती है, इसलिए चाहते हैं कि पसंदीदा बंगला मिल जाए.
उधर कैलाश मेघवाल ने कहा कि मैं अभी स्पीकर हूं. जब तक नया स्पीकर नहीं चुना जाता मेरे पास विधानसभा की सर्वोच्च शक्तियां हैं और मुझे अपनी शक्ति का प्रयोग करने से राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी नहीं रोक सकते हैं.
दरअसल, नियम के अनुसार विधान सभा के गठन के बाद हाउसिंग कमेटी बनती है और हाउसिंग कमेटी विधायक और मंत्रियों का आवास आवंटित करती है. स्पीकर की ओर जिन 37 विधायकों को बंगला आवंटित किया गया है, उनमें 20 विधायक बीजेपी के हैं, पांच निर्दलीय हैं तो 12 कांग्रेस के भी हैं. इससे पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी 7 दिसंबर को चुनाव होने के बाद अपना 13 रिलायंस का बंगला अपने नाम से एक बार फिर आवंटित करवा लिया था.