राजस्थान बीजेपी दो गुटों में बंटी नजर आ रही है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गुट और पार्टी के दूसरे नेताओं के बीच झगड़ा सुलझने का नाम नहीं ले रहा. इस बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने इस्तीफा देने की बात तक कह डाली.
दरअसल, बीजेपी के राज्य प्रभारी अरुण सिंह वसुंधरा गुट के विधायकों को समझाकर दिल्ली चले गए. लगा कि मामला सुलझ गया लेकिन एक बार फिर से विवाद हो गया. विधानसभा में विधायक दल की बैठक में वसुंधरा राजे के कट्टर समर्थक माने जाने वाले कैलाश मेघवाल ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया पर पक्षपात का आरोप लगा दिया. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष मनमाने तरीके से लोगों को विधानसभा में बोलने के लिए चुनते हैं.
विधायक मेघवाल ने कहा कि गुलाबचंद कटारिया दो-दो पद संभाल रहे हैं. आखिरकार BJP विधानसभा में अपना सचेतक क्यों नहीं बना रही. गुलाब चंद कटारिया को एक पद छोड़ देना चाहिए. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी मौजूद रहीं, मगर वह कुछ नहीं बोलीं.
मेघवाल के आरोपों से नाराज़ गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मुझे पद का कोई मोह नहीं है. जिसने यह ज़िम्मेदारी दी है, उससे कहलवा दो. दो मिनट में इस्तीफ़ा दे दूंगा. लेकिन जब तक ज़िम्मा है, तब तक निष्ठा से निभाऊंगा.
कटारिया ने कहा कि जिन लोगों ने चिट्ठी लिखी है, बजट पर सबसे पहले वही लोग बोलेंगे. विधानसभा में बोलने के लिए रातें काली करनी पड़ती हैं. आपकी तरह नहीं कि आधे घंटे के लिए विधानसभा में पर्यटन करने आते हैं और चले जाते हैं.
दरअसल, वसुंधरा गुट के कई विधायकों ने BJP के बड़े नेताओं को चिट्ठी लिख आरोप लगाया था कि पार्टी का एक गुट विधानसभा में उन्हें बोलने नहीं देता है. जिसके बाद राजस्थान BJP के प्रभारी अरुण सिंह ने वसुंधरा गुट के सभी विधायकों को बुलाकर समझाया कि पार्टी में अनुशासन बनाए रखें. लेकिन एक बार फिर से विवाद हो गया.