बता दें कि शुक्रवार को राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि अगर विधानसभा का सत्र नहीं बुलाने के लिए राजस्थान की 8 करोड़ जनता राजभवन का घेराव करती है, तो इसके लिए वो जिम्मेदार नहीं होंगे.
राज्यपाल ने भी जताई थी आपत्ति
राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी सीएम के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी. राज्यपाल ने कहा था कि सीएम को पत्र लिखकर कहा था कि आप और आपका गृह मंत्रालय राज्य में राज्यपाल की रक्षा नहीं कर सकते हैं, तो राज्यपाल की सुरक्षा के लिए उसे किस एजेंसी से संपर्क किया जाना चाहिए?
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CM ऐसी भाषा का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं?
अब बीजेपी ने कहा है कि सीएम का ये बयान आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है. राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जो गृह मंत्री भी हैं, ने कहा कि यदि राज्यपाल विधानसभा का सत्र नहीं बुलाते हैं तो राजस्थान की 8 करोड़ जनता राजभवन का घेराव कर सकती है इसके लिए वे जिम्मेदार नहीं होंगे, उनका ये बयान आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है, एक राज्य का मुख्यमंत्री इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कैसे कर सकता है?
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विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं गहलोत
बता दें कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और उनकी सरकार राज्यपाल से मांग कर रही है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए. अशोक गहलोत विधानसभा के पटल पर बहुमत साबित कर अपनी कुर्सी सुरक्षित करना चाहते हैं.