राजस्थान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पार्टी की कोर ग्रुप मीटिंग के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर तंज कसा. पूनिया ने कहा कि सोशल मीडिया यह तय नहीं करेगी कि पार्टी का मुख्यमंत्री पद का दावेदार कौन होगा. उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी का नेतृत्व करेगा. .
बता दें कि रविवार को भाजपा कोर ग्रुप की मीटिंग हुई. इस मीटिंग के बाद सतीश पुनिया ने कहा, "सोशल मीडिया यह तय नहीं करेगी कि हमारा मुख्यमंत्री पद का दावेदार कौन होगा. यह फैसला पार्टी का नेतृत्व करेगा और जिसे पार्टी का नेतृत्व चुनेगा, वही मुख्यमंत्री पद का दावेदार होगा." गौरतलब है कि जयपुर में हुई इस कोर ग्रुप की मीटिंग से वसुंधरा राजे नदारद रहीं.
मालूम हो कि जनवरी के महीने में सोशल मीडिया पर 'वसुंधरा राजे समर्थक राजस्थान (मंच)' के नाम से प्लेटफ़ॉर्म सामने आया था, जिसको लेकर पार्टी में कई प्रकार की अटकलें लग रही थीं. उसके कुछ समय बाद ही 'सतीश पूनिया समर्थक मोर्चा' भी सामने आया था. जिसको राजस्थान के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सोशल मीडिया की शरारत कहा था.
राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, "हम लोग भाजपा में एक बड़े बैनर के नीचे काम करते हैं, हमारे लिए मोदी जी का व्यक्तित्व, कृतित्व, भाजपा का झंडा एवं कमल का चुनाव चिन्ह अपने आप में पर्याप्त है. इसलिए मुझे किसी तरीके के समर्थक मंच की आवश्यकता नहीं है. सोशल मीडिया पर जो समर्थक के नाम से फर्जी मोर्चा बनाया गया, उसकी जांच पड़ताल करवा रहा हूं. यह सोशल मीडिया की शरारत है, इसलिए मैं इस तरीके के समर्थक मंच के पक्ष में नहीं हूं और इसे सिरे से खारिज करता हूं."
हालांकि, जहां एक तरफ सतीश पूनिया ने साफ किया कि वह ऐसे किसी समर्थक मंच के पक्ष में नहीं है तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने अपने नाम से बने समर्थक मंच को लेकर कोई बयान नहीं दिया है.
मालूम हो कि रविवार को हुई भाजपा की जयपुर में हुई कोर ग्रुप की मीटिंग से वसुंधरा राजे नदारद रहीं. पार्टी की तरफ से कहा गया कि राजे की पुत्रवधू बीमार हैं, जिसकी वजह से उन्होंने पार्टी की कोर ग्रुप की मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया. नेता विपक्ष गुलाबचंद कटारिया और राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव भी पार्टी की कोर ग्रुप मीटिंग में शामिल नहीं हुए.
2018 में राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार बनने के बाद से वसुंधरा राजे पार्टी की जयपुर ऑफिस में हुई ज्यादातर बैठकों से नदारद रही हैं. माना जा रहा है कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा कोर ग्रुप का गठन करने का फैसला पार्टी के नेताओं में मनमुटाव खत्म करने की कोशिश के तहत लिया गया. वसुंधरा राजे को छोड़कर राजस्थान के कई आला नेता कुछ दिन पहले भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे जिसके बाद से भाजपा में अंदरूनी कलह को लेकर अटकलें लग रही थीं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा के अंदर चल रही तथाकथित अंदरूनी कलह को लेकर कहा कि भाजपा ने राजस्थान में कांग्रेस को तोड़ने की कोशिश की लेकिन अब पार्टी खुद टूट रही है. राजस्थान के कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि भाजपा कई भागों में बंटी हुई है. डोटासरा ने कहा कि आने वाले दिनों में भाजपा कई खंडों में बंट जाएगी.
राजस्थान के कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के मुताबिक, "नरेंद्र मोदी और अमित शाह की साजिश कांग्रेस की सरकार को नहीं गिरा सकी पर यही अहंकार भाजपा इकाई को आने वाले समय में विभाजित कर देगा."