राजस्थान में अब कांग्रेस के बाद भाजपा में भी तकरार बढ़ती जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को दरकिनार किए जाने से नाराज़ उनके समर्थकों ने अब राजस्थान में भाजपा से अलग अपना नया राजनीतिक मंच बना लिया है, जिसका नाम दिया गया है वसुंधरा राजे समर्थक राजस्थान मंच. इसके अलावा टीम वसुंधरा के नाम से भी सोशल मीडिया में इसी मंच का एक अलग संगठन बनाया गया है.
राजस्थान में वसुंधरा समर्थकों ने हर ज़िले में अपना जिलाध्यक्ष बनाना शुरू कर दिया है. इसके अलावा युवा संगठन और महिला संगठन भी तैयार किए जा रहे हैं. भाजपा में यह पहली बार हो रहा है कि पार्टी के संगठन से अलग होकर किसी नेता के समर्थन में अलग संगठन तैयार किया जा रहा है.
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वसुंधरा समर्थक मंच के प्रदेश अध्यक्ष विजय भारद्वाज से हमने बातचीत की तो उन्होंने कहा कि ''मैं 2003 में वसुंधरा राजे सिंधिया की वजह से जनता दल छोड़कर भाजपा में आया था और तब से BJP की राज्य कार्यकारिणी का सदस्य रहा हूं, भाजपा की आमंत्रित कार्यकारिणी का सदस्य रहा हूं, इसकेअलावा विधि प्रकोष्ठ का भी अध्यक्ष रहा हूं और अब हम लोग वसुंधरा राजे को मज़बूत करना चाह रहे हैं.
वसुंधरा राजे बेहद लोकप्रिय नेता हैं और जब वह मज़बूत होंगी तो भाजपा भी खुद ही मजबूत हो जाएगी. वसुंधरा राजे ने राजस्थान को पिछड़े राज्य से निकालकर अगड़ा राज्य बनाया है, इसलिए हम लोगों ने तय किया है कि वसुंधरा राजे के समर्थन में पूरे राजस्थान में जन समर्थन तैयार किया जाए.
सभी जिलों में वसुंधरा समर्थकों के संगठन खड़ा करने को लेकर प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, ''इस बात की जानकारी भाजपा के सभी नेताओं को है और जो लोग इस संगठन में काम कर रहे हैं वह लोग भाजपा में सक्रिय सदस्य नहीं हैं. भाजपा व्यक्ति आधारित पार्टी नहीं हैं, यह संगठन आधारित पार्टी है.''