राजस्थान सरकार ने बुधवार को राज्य का वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट भाषण में कई बड़ी योजनाओं का ऐलान किया. कोरोना की वजह से राजस्थान सरकार ने आम लोगों और उद्यमियों को कई राहतें दी हैं.
बजट के मुताबिक वित्त वर्ष में राज्य सरकार की कुल प्राप्तियां 1.84 लाख करोड़ रुपये की और खर्च 2.08 लाख करोड़ रुपये का होगा. राजकोषीय घाटा राज्य जीडीपी का करीब 3.98 फीसदी होगा.
हर परेशान परिवार को 2 हजार
कांग्रेस की सीधे गरीबों को फंड ट्रांसफर करने की रणनीति पर अमल करते हुए राजस्थान सरकार ने कोरोना की वजह से मुश्किल में चल रहे 33 लाख परिवारों को सीधे 2 हजार रुपये की एकमुश्त सहायता देने का ऐलान किया है.
इसके अलावा रोजगार के लिए 50 हजार रुपये तक का ब्याज मुक्त लोन भी लोगों को दिया जाएगा. मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत 10 हजार उद्यमियों को 50 करोड़ रुपये की ब्याज सब्सिडी दी जाएगी.
बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार के टैक्सेज में राज्य का हिस्सा करीब 14 हजार करोड़ रुपये घटा है, इसके बावजूद राज्य की जनता को करीब 910 करोड़ रुपये की टैक्स राहत दी जा रही है.
राहत के कदम
राज्य के बजट में आम लोगों और उद्यमियों के लिए राहत के कदम इस प्रकार हैं-
अशोक गहलोत सरकार का इस कार्यकाल का ये तीसरा बजट है, जो पेपरलेस है. सभी विधायकों और अन्य सदस्यों को इस बार बजट भाषण और बजट से जुड़ी सभी सॉफ्ट कॉपी दी गई है. गौरतलब है कि हाल ही के दिनों में उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु जैसे राज्यों ने अपना बजट पेश किया है.