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राजस्थान में जल्द होगा उपचुनाव का ऐलान, कांग्रेस-BJP ने झोंकी ताकत

अगले साल दिसंबर में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों इसे सेमीफाइनल के रूप में देख रहे हैं. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने तो चुनाव की तैयारियों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. सीएम खुद एक-एक विधानसभा सीट पर अलग-अलग बैठक कर रही हैं. जब से दोनों लोकसभा सीट खाली हुई हैं तब से लेकर वसुंधरा राजे ने करीब 14 बार यहां का दौरा किया है.

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चुनाव के लिए प्रचार में जुटे दोनों दलों के नेता
चुनाव के लिए प्रचार में जुटे दोनों दलों के नेता

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राजस्थान में उप चुनावों की घोषणा 20 दिसंबर को हो सकती है और जनवरी के दूसरे सप्ताह में उपचुनाव कराए जा सकते हैं. राज्य में अजमेर और अलवर दो लोकसभा सीटों और एक मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर उप चुनाव होने हैं. अजमेर लोकसभा सीट पूर्व केंद्रीय मंत्री सांवरलाल जाट के निधन से खाली हुई है तो अलवर सीट महंत चांदनाथ की लंबी बीमारी के बाद मौत की वजह से खाली हुई है. इसी तरह से मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर विधायक कीर्ति कुमारी की मौत स्वाइन फ्लू से हो गई थी.

राजस्थान में इन 3 सीटों पर उपचुनाव बेहद अहम माना जा रहा है. अगले साल दिसंबर में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों इसे सेमीफाइनल के रूप में देख रहे हैं. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने तो चुनाव की तैयारियों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. सीएम खुद एक-एक विधानसभा सीट पर अलग-अलग बैठक कर रही हैं, जब से दोनों लोकसभा सीट खाली हुई हैं तब से लेकर वसुंधरा राजे ने करीब 14 बार यहां का दौरा किया है.

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सरकारी स्कूल से लेकर सरकारी अस्पताल तक में डॉक्टर और शिक्षक दूसरे इलाकों से हटाकर यहां पर लगाए गए हैं ताकि जनता की नाराजगी न हो. हर जाति के लोगों के साथ जनसंवाद के नाम पर अलग-अलग बैठकें की जा रही हैं. दूसरी तरफ सचिन पायलट के लिए भी यह चुनाव बेहद अहम माना जा रहा है.

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुजरात चुनाव से खाली होकर राजस्थान आ गए हैं, ऐसे में अगर नतीजे कांग्रेस के खिलाफ रहे तो सचिन पायलट के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है. पायलट इस बात को समझते हैं लिहाजा पिछले 1 सप्ताह से लगातार अजमेर और अलवर में ही डेरा डाले हुए हैं.

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