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राजस्थानः अशोक गहलोत कैबिनेट में अब विभागों के बंटवारे पर फंसा पेंच, दिल्ली से होगा फैसला

Rajasthan Cabinet News: राजस्थान में मंत्रियों के शपथ के बाद अब विभागों के बंटवारे को लेकर पेंच फंस गया है. कांग्रेस को फिर से असंतोष बढ़ने का डर सता रहा है. इसके बाद अब किस मंत्री को कौनसा विभाग मिलेगा, इसका फैसला भी दिल्ली से ही लिया जाएगा.

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लंबी जद्दोजहद के बाद कैबिनेट पर बनी थी सहमति. (फाइल फोटो)
लंबी जद्दोजहद के बाद कैबिनेट पर बनी थी सहमति. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मंत्रियों के विभागों पर फंस रहा पेंच
  • किसे क्या मिलेगा, कांग्रेस हाईकमान करेगा फैसला

Rajasthan Cabinet News: राजस्थान कांग्रेस में लंबे समय से चली आ रही उथल-पुथल के बाद रविवार को कैबिनेट का पुनर्गठन हुआ. कैबिनेट में बदलाव के बाद माना जा रहा था कि ये अंदरूनी कलह अब शांत हो सकती है. नए मंत्रियों ने शपथ तो ले ली, लेकिन अब विभागों के बंटवारे को लेकर पेंच फंस गया है. इस खींचतान में बनती बात कहीं बिगड़ न जाए, इसलिए अब विभागों के बंटवारे का फैसला भी दिल्ली से लिया जाएगा.

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हुआ ये कि सचिन पायलट (Sachin Pilot) के करीबी विधायक बृजेंद्र सिंह ओला ने रविवार को राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली. लेकिन बाद में उन्होंने ये भी शिकायत दर्ज कराई कि वो चार बार के विधायक हैं, फिर भी उन्हें राज्य मंत्री बनाया गया, जबकि दो बार के विधायकों को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. बताया जा रहा है कि उन्हें स्वतंत्र प्रभार का अच्छा विभाग देने का भरोसा दिया गया है.

साथ ही ऐसी भी चर्चा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) विभागों के बंटवारे में फ्री हैंड चाह रहे थे. हालांकि, बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान मंत्रिमंडल के गठन के बाद विभागों का बंटवारा भी शांतिपूर्ण तरीके से करना चाह रहा है. आलाकमान को इस बात का डर भी सता रहा है कि अगर विभागों का बंटवारा सही नहीं हुआ तो फिर से असंतोष बढ़ सकता है. लिहाजा, इसका फैसला भी अब दिल्ली से ही लिया जाएगा. 

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प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) दिल्ली रवाना हो गए हैं, जहां वो कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) के साथ विभागों के बंटवारे को लेकर चर्चा करेंगे. इसके बाद अशोक गहलोत के साथ इस पर चर्चा की जाएगी. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि गहलोत कह रहे हैं कि जिन मंत्रियों के पास पहले जो विभाग था, उन्हें वही विभाग दिया जाए, जबकि नए मंत्रियों को खाली मंत्रालय दिए जाएं. 

शनिवार शाम को ही गहलोत कैबिनेट के सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था. रविवार को शपथ ग्रहण होने के बाद माना जा रहा था कि सोमवार को सभी मंत्री अपना पदभार भी संभाल लेंगे. हालांकि, विभागों के बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पाने पर इसमें देरी हो रही है. 

इसी बीच गहलोत ने देर रात निर्दलीय विधायकों को अपना सलाहकार बनाकर उनका असंतोष दूर कर दिया. माना जा रहा है कि आज बीएसपी से आए विधायकों को भी संसदीय सचिव बनाकर उनकी नाराजगी दूर की जाएगी. हालांकि, इस बीच ऐसी भी चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान चाह रहा था कि संसदीय सचिव की लिस्ट में 2-3 नाम पायलट खेमे के भी हों.

 

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