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पायलट ने फिर दी गहलोत को नसीहत, कहा- परंपरा तोड़कर पोछने चाहिए आंसू

उपमुख्यमंत्री पायलट ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा कि किसी के घर में मौत हो जाती है तो उसके यहां जाने के लिए परंपरा नहीं देखी जाती. एक अच्छी परंपरा तो यह है कि उसके घर जाकर सांत्वना देनी चाहिए.

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राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (फाइल फोटोः PTI)
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (फाइल फोटोः PTI)

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  • नहीं थम रहा मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच शीत युद्ध
  • किसी के घर मौत होने पर जाने के लिए नहीं देखी जाती परंपरा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच जारी शीत युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. गहलोत और पायलट का एक- दूसरे पर वार-पलटवार जारी है. उपमुख्यमंत्री पायलट ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा कि किसी के घर में मौत हो जाती है तो उसके यहां जाने के लिए परंपरा नहीं देखी जाती. एक अच्छी परंपरा तो यह है कि उसके घर जाकर सांत्वना देनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई परंपरा है कि छोटे बच्चे की मौत हो जाती है, उसके यहां तेरहवीं भी नहीं होती और किसी को उसके मां- बाप के आंसू पोंछने नहीं जाना चाहिए तो हमें उस परंपरा को तोड़ना चाहिए. हमें जाकर अपने छोटे बच्चे को खोने वाले मां- बाप को सांत्वना देना चाहिए. पायलट ने कहा कि जब लोग घुंघट जैसी परंपरा को खत्म करने की बात करते हैं तो हमें छोटे बच्चों की मौत पर उनके घर नहीं जाने की परंपरा भी खत्म करनी चाहिए. सचिन पायलट मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ पतंग उड़ाने पहुंचे थे.

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पायलट ने विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सियासी पतंगबाजी पर कहा, 'बीजेपी को धरातल पर पतंग उड़ानी चाहिए, हवा में पतंग उड़ाने का कोई मतलब नहीं है. आज नौजवान तबका रुष्ट है. संवाद की कमी है. बहुमत के बल पर केंद्र से बात थोपी जा रही है.' कोटा मामले पर उन्होंने कहा कि हम लोग गलत परंपराओं को खत्म करने की बात कर रहे हैं. जहां हम कहते हैं कि घुंघट  से परहेज करना चाहिए,  हम एक अच्छी परंपरा की बात करते हैं. अगर किसी घर में नवजात की मौत होती है, और तीये  या तेरहवीं की परंपरा न हो, तो भी उसका दुख बांटने के लिए, उसके आंसू पोंछने के लिए हमें परंपरा डालनी चाहिए.

डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी होती है कि अपने मतदाताओं का दुख बांटे. छोटे बच्चों के मां- बाप के आंसू पोंछने की जिम्मेदारी भी हम सबकी है. अगर ऐसी कोई परंपरा है तो उसे भी तोड़ना चाहिए. पंचायत चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि हमने समय पर चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है. बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा था कि लोग कोटा के अस्पताल में मरनेवाले छोटे बच्चों के घर जाकर राजनीति कर रहे हैं. उन्हें पता नहीं है कि छोटे बच्चों की मौत पर घर नहीं जाया जाता है.

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