राजस्थान में मेवाड़ के इतिहास से छेड़छाड़ को लेकर एक बार फिर बवाल मचा हुआ है. महाराणा प्रताप के मुद्दे पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजपूत संगठनों से मुलाकात की है. अशोक गहलोत ने कहा कि स्कूली पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप को लेकर अगर कोई गलत तथ्य है तो उसे ठीक किया जाएगा.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि महाराणा प्रताप को लेकर अगर कोई पाठ्यक्रम में छेड़छाड़ हुई है तो उसे तुरंत दुरुस्त किया जाएगा. गहलोत ने पूरे मामले की देखरेख की जिम्मेदारी शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को दी है.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, महाराणा प्रताप किसी जाति धर्म के नहीं बल्कि हमारे शौर्य के प्रतीक हैं. इनकी वीरगाथा मेवाड़ में नहीं बल्कि पूरे देश में गाई जाती है. प्रताप सभी लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं.
महाराणा प्रताप के शौर्य गाथाओं को कम कर दिया गया
महाराणा प्रताप को लेकर पाठ्यक्रम में छेड़छाड़ के आरोपों के बीच बुधवार को राजपूत समाज के प्रतिनिधि मंडल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिले थे. अशोक गहलोत से जौहर स्मृति संस्थान और क्षत्रिय महासभा के प्रतिनिधियों ने प्रताप को लेकर सिलेबस में जो छेड़छाड़ की गई थी उस पर अपनी आपत्तियां दर्ज कराईं. इन राजपूत नेताओं को परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास लेकर मुख्यमंत्री निवास पहुंचे थे.
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गौरतलब है कि मेवाड़ राजघराने ने और राजपूत संगठनों ने आरोप लगाया है कि पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप की शौर्य गाथाओं को कम कर दिया गया है. हालांकि राजस्थान के शिक्षा मंत्री का कहना है कि संघ से जुड़े लोगों ने अफवाह उड़ाई है. हमने पहले की तुलना में राणा प्रताप पर सामग्री ज्यादा बढ़ाई है.