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क्या परंपरा के बहाने डिनर डिप्लोमेसी से सरकार बचा पाएंगे अशोक गहलोत?

जिस तरह से बातें की जा रही हैं कि राजस्थान में बीजेपी कांग्रेस सरकार को गिरा सकती है. ऐसे में विपक्ष के विधायकों को भी साधे रहना अशोक गहलोत के लिए जरूरी है.

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डिनर पार्टी के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया के साथ सीएम अशोक गहलोत (फेसबुक)
डिनर पार्टी के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया के साथ सीएम अशोक गहलोत (फेसबुक)

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  • बंद परंपरा को फिर से शुरू कर रहे सीएम अशोक गहलोत
  • बजट से पहले सीएम के घर पर होती है डिनर पार्टी
  • 93 विधायकों ने लिया डिनर पार्टी में हिस्सा
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) शासन के दौरान वसुंधरा राजे की बंद कर दी गई परंपरा को एक बार फिर से शुरू किया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पक्ष-विपक्ष के सभी विधायक-मंत्रियों को अपने घर डिनर पार्टी पर बुलाया था. इसमें से परिवार समेत 160 विधायक अशोक गहलोत के घर खाना खाने पहुंचे.

दरअसल राजस्थान में शुरू से यह परंपरा थी कि विधानसभा में राज्य का बजट पास हो जाता था तो मुख्यमंत्री सभी दलों के विधायकों को परिवार समेत अपने घर पर डिनर के लिए बुलाते थे लेकिन वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री बनने के बाद यह रिवाज बंद कर दिया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर से इसे शुरू किया है.

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कर्नाटक और गोवा में बीजेपी की सक्रियता से कांग्रेस इन दिनों में सतर्क मोड में आ गई है. जहां एक ओर मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार बचाए रखने की कवायद शुरू कर दी है, वहीं अशोक गहलोत भी बचाव मोड में आ गए हैं. बदले राजनीतिक माहौल में माना जा रहा है कि यह कदम अशोक गहलोत की परंपरा से ज्यादा डिनर डिप्लोमेसी का हिस्सा है.

जिस तरह से बातें की जा रही है कि राजस्थान में बीजेपी कांग्रेस सरकार को गिरा सकती है. ऐसे में विपक्ष के विधायकों को भी साधे रहना अशोक गहलोत के लिए जरूरी है.

राजस्थान कांग्रेस में दो भी दो गुट हैं. एक गुट उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थन में है वहीं दूसरा अशोक गहलोत के समर्थन में. ऐसे में अशोक गहलोत के लिए उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के खेमे पर भी नजर रखना जरूरी है. लिहाजा समय का भी तकाजा था कि इस परंपरा को फिर से शुरू किया जाए. इस पार्टी में सरकार के अफसरों को भी बुलाया गया था जिससे किसी मंत्री या विधायक को कोई काम हो तो सीधे बात कर ले.

अशोक गहलोत के इस पार्टी में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत कांग्रेस के 100 में से 93 विधायक पहुंचे. जबकि कुल 160 विधायक और मंत्री अपने परिवार के साथ पहुंचे थे.

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अशोक गहलोत विपक्ष के नेताओं के साथ और उनके परिवार के साथ मिलते दिखे. बीजेपी की तरफ से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी अपने परिवार के साथ पहुंचे थे.

इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विपक्ष के नेताओं से कहा राजस्थान में कुछ सालों से सत्ता पक्ष और विपक्ष में कटुता रही है. यह ठीक नहीं है. भैरों सिंह शेखावत के जमाने से परंपरा रही है, तमाम राजनीतिक विरोध के बावजूद हम आपस में परिवार की तरह रहते हैं.

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