हरियाणा के करनाल में कृषि कानूनों विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की कांग्रेस ने कड़ी निंदा की है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हरियाणा सरकार की तीखी आलोचना की है. अशोक गहलोत ने कहा है कि भाजपा शासित राज्यों में किसानों पर ऐसी दमनकारी कार्रवाई बंद होनी चाहिए. गहलोत ने कहा कि आखिर ऐसा किसका दबाव है, जिसके कारण 46 दिन से धरना दे रहे किसानों की मांगें नहीं मानी जा रही हैं?
अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, "हरियाणा के करनाल में किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस का बलप्रयोग निंदनीय है. यह हरियाणा पुलिस का निंदनीय कृत्य है. पूर्व में दिल्ली में किसान आंदोलन का समर्थन करने जा रहे राजस्थान के किसान भाइयों पर भी हरियाणा पुलिस ने इसी तरह बलप्रयोग किया था."
पुलिस लाठीचार्ज को दमनकारी कृत्य बताते हुए राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा," भाजपा शासित राज्य में ऐसी दमनकारी कार्रवाई करने की जगह केंद्र सरकार को किसानों की बात सुनकर अविलंब उनकी मांगें मान लेनी चाहिए, आखिर ऐसा किसका दबाव है जिसके कारण 46 दिन से धरना दे रहे किसानों की मांगें नहीं मानी जा रही हैं?"
हरियाणा के करनाल में किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस का बलप्रयोग निंदनीय है। यह हरियाणा पुलिस का निंदनीय कृत्य है। पूर्व में दिल्ली में किसान आंदोलन का समर्थन करने जा रहे राजस्थान के किसान भाइयों पर भी हरियाणा पुलिस ने इसी तरह बलप्रयोग किया था।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 10, 2021
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कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने किसान महापंचायत को सरकारी महापंचायत करार दिया. सुरजेवाला ने खट्टर सरकार पर किसान अन्नदाताओं की संवेदनाओं एवं भावनाओं से खिलवाड़ करके कानून व्यवस्था बिगाड़ने की साज़िश करने का आरोप भी लगाया.
सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, "खट्टर साहेब सरकारी महापंचायत का ढोंग बंद करिए, अगर आपको संवाद ही करना है तो पिछले 46 दिनों से सीमाओं पर धरना दे रहे अन्नदाता से कीजिए. आपको शर्म आनी चाहिए कि जब आप किसान महापंचायत कर रहे हैं तो वहां आने से किसानों को ही रोकने का मतलब क्या है? मतलब साफ है कि आपको किसानों से सरोकार न होकर केवल इवेंटबाजी से मतलब है."
सुरजेवाला ने कहा कि अब भाजपा और खट्टर के जागने का समय है. भाजपा व खट्टर गाम-राम से बड़े नहीं हैं. जन भावनाओं को समझें. कांग्रेस नेता ने कहा कि याद रखिए, यही हाल रहा तो बिना पुलिस के आपका घर से निकलना नामुमकिन हो जाएगा, किसानों को डराइए नहीं. इनकी ज़िंदगी, रोज़ी रोटी मत छीनिए. तीनों खेती कानून वापस कराइए वरना झोला उठाकर घर जाइए.