राजस्थान फोन टैपिंग मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के विशेष कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी (OSD) लोकेश शर्मा आखिरकार दिल्ली क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुए. दिल्ली क्राइम ब्रांच के दफ़्तर में लोकेश शर्मा से साढ़े तीन घंटे लंबी पूछताछ चली. इस दौरान उनसे फ़ोन टैपिंग से जुड़े ऑडियो के सोर्स को लेकर सवाल पूछे गए.
दिल्ली के रोहिणी दफ़्तर में क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने पूछा, उन्हें ये ऑडियो कहां से मिले थे और इनका सोर्स क्या था? क्या ऑडियो की बातचीत फ़ोन टैपिंग के ज़रिए वैध या अवैध तरीके से रिकॉर्ड की गई थी? पूछताछ में लोकेश शर्मा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें सोशल मीडिया के जरिए ऑडियो मिले थे, जो उन्होंने मीडिया को उपलब्ध कराए थे.
सरकार गिराने को लेकर थी बातचीत
शर्मा ने अपने बयानों में कहा कि उस समय राजस्थान में कांग्रेस के भीतर सियासी घमासान चल रहा था और पता नहीं किस सोर्स से ऑडियो मेरे पास आया था. बातचीत राजस्थान सरकार को गिराने करने को लेकर थी, इसलिए मुख्यमंत्री के ओएसडी होने की वजह से उन्होंने सभी ऑडियो मीडिया को उपलब्ध कराए थे. दिल्ली में पुलिस पूछताछ के बाद लोकेश शर्मा वापस जयपुर आ गए हैं. दिल्ली क्राइम ब्रांच की ओर से उन्हें कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर वापस बुलाया जाएगा.
गजेन्द्र सिंह शेखावत ने दर्ज कराया था केस
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने दिल्ली पुलिस में राजस्थान के फ़ोन टैपिंग प्रकरण को लेकर मामला दर्ज कराया था, जिसे क्राइम ब्रांच में जांच के लिए भेजा गया था. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जब लोकेश शर्मा को पूछताछ के लिए बुलाया तो लोकेश शर्मा कोर्ट चले गए. उनकी याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने 23 जनवरी तक लोकेश शर्मा के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई पर पूर्णतया रोक लगा रखी है.
3 बार नोटिस भेजे गए थे
दिल्ली क्राइम ब्रांच की ओर से इससे पहले भी 3 बार नोटिस भेजे गए थे, लेकिन लोकेश शर्मा अलग-अलग कारणों की वजह से पूछताछ के लिए नहीं जा रहे थे. हालांकि, चौथे नोटिस के बाद दिल्ली क्राइम ब्रांच के दफ़्तर में लोकेश शर्मा सोमवार सुबह 11 बजे पहुंचे, जिसके बाद दिल्ली क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने उनसे फोन टैपिंग ऑडियो मामले को लेकर लंबी पूछताछ की.