महाराष्ट्र में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच धार्मिक स्थल को लेकर हुए चिट्ठी विवाद में अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की एंट्री हुई है. अशोक गहलोत ने इस मसले पर बुधवार को ट्वीट किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले को संज्ञान में लेने की अपील की है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘राजस्थान में जब धार्मिक स्थल खोलने के लिए गाइडलाइन्स जारी की गई थीं, तब सभी धर्मों के गुरुओं ने खुद ही धार्मिक स्थल ना खोलने का फैसला किया.’
अशोक गहलोत ने लिखा कि दूसरी ओर महाराष्ट्र के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लेकर जो टिप्पणी की है, वह बिल्कुल ठीक नहीं है. लोकतंत्र में इस तरह के बयान स्वीकार नहीं हैं. एक मुख्यमंत्री को इस तरह की चिट्ठी लिखकर राज्यपाल ने एक सरकारी पद की गरिमा को गिराया है, ऐसे में प्रधानमंत्री को इस मामले में दखल देना चाहिए.
By writing such a letter to the Chief Minister, the Governor of Maharashtra has brought down the dignity of the high constitutional office. The PM must take cognizance in this matter.
3/
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 14, 2020
देखें: आजतक LIVE TV
गौरतलब है कि बीते दिन महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी थी. जिसमें उन्होंने राज्य में धार्मिक स्थल खोलने को लेकर सरकार की राय पूछी थी, साथ ही राज्यपाल ने ये भी कहा था कि आप खुद को हिंदुत्व का पुरोधा कहते हैं लेकिन राज्य में मंदिरों से पहले शराब की दुकानें खोल दी गईं. राज्यपाल की इस चिट्ठी के बाद काफी राजनीतिक बवाल हुआ था.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जवाब में राज्यपाल को लिखा था कि उन्हें किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं हैं, राज्य में कोरोना के केस को ध्यान में रखते हुए ही सरकार फैसला कर रही है. इस मसले को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी राज्यपाल के बयान की निंदा की थी और प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी थी.
राज्य में धार्मिक स्थल खुलवाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने भी मुंबई, पुणे, शिरडी समेत कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया था.