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राजस्थान में शुरू होगी इंदिरा रसोई योजना, 8 रुपये में मिलेगा पौष्टिक भोजन

कोरोना महामारी से बचाव के लिए रसोइयों में आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे. योजना की आईटी आधारित मॉनिटरिंग की जाएगी. लाभार्थी को कूपन लेते ही मोबाइल पर एसएमएस से सूचना मिल जाएगी. मोबाइल एप और सीसीटीवी से रसइयों की निगरानी की जाएगी.

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अशोक गहलोत की फाइल फोटो
अशोक गहलोत की फाइल फोटो

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  • 213 नगरीय निकायों में 358 रसोइयों का संचालन
  • 20 अगस्त से नगरीय क्षेत्रों में शुरू होगी यह योजना

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 'कोई भूखा ना सोए' के संकल्प को साकार करने के लिए 20 अगस्त से प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में इंदिरा रसोई योजना की शुरुआत करने के निर्देश दिए हैं. इस अवसर पर गहलोत ने कहा कि 'देश की महान नेता स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी का पूरा जीवन गरीब कल्याण को समर्पित रहा. राज्य सरकार ऐसे महान व्यक्तित्व के नाम पर मानव सेवा की ऐसी योजना शुरू करने जा रही है जिसमें गरीबों और जरूरतमंद लोगों को मात्र 8 रुपये में शुद्ध पौष्टिक भोजन मिलेगा'.

अशोक गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर बैठक में इस योजना की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि योजना को जनसेवा की भावना, पारदर्शिता और जनभागीदारी के साथ लागू किया जाए ताकि यह पूरे देश में निर्धन वर्ग को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक मिसाल बने.

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हर साल 100 करोड़ खर्च करेगी सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस योजना पर हर साल 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी. उन्होंने निर्देश दिए कि योजना के संचालन में सेवाभावी संस्थाओं और स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए. उन्होंने जिला कलक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द से जल्द ऐसी संस्थाओं का चयन करें. साथ ही, रसोई के लिए उपयुक्त स्थानों का चयन भी करें. ऐसी संस्थाओं और स्वयंसेवी संगठनों को प्रोत्साहित किया जाए जो निःस्वार्थ भाव से मानव सेवा के क्षेत्र में काम कर रही हों मुख्यमंत्री ने भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राज्य और जिला स्तर पर कमेटी गठित करने के भी निर्देश दिए.

358 रसोइयों का होगा संचालन

बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि देश के अन्य राज्य जहां इस प्रकार की योजना चल रहे हैं, वहां के अध्ययन और अनुभवों को शामिल करते हुए इंदिरा रसोई योजना की शुरुआत की जा रही है. इसमें दोनों समय का भोजन रियायती दर पर उपलब्ध कराया जाएगा. राज्य सरकार प्रति थाली 12 रुपए अनुदान देगी. प्रदेश के सभी 213 नगरीय निकायों में 358 रसोइयों का संचालन किया जाएगा, जहां जरूरतमंद लोगों को सम्मान के साथ बैठाकर भोजन खिलाया जाएगा.

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हर साल 4 करोड़ 87 लाख लोगों को भोजन

योजना का प्रस्तुतीकरण देते हुए स्वायत्तशासन विभाग के शासन सचिव भवानी सिंह देथा ने बताया कि हर साल 4 करोड़ 87 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा. जरूरत के हिसाब से इसे और बढ़ाया जा सकता है. रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पताल, चौखटी जैसे स्थानों पर रसोइयां खोली जाएंगी जहां लोगों की अधिक उपस्थिति रहती है. भोजन में प्रति थाली 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती और अचार का मेन्यू निर्धारित किया गया है. स्थानीय आवश्यता के अनुरूप मैन्यू व भोजन के चयन की स्वतंत्रता रहेगी. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए रसोइयों में आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे. योजना की आईटी आधारित मॉनिटरिंग की जाएगी. लाभार्थी को कूपन लेते ही मोबाइल पर एसएमएस से सूचना मिल जाएगी. मोबाइल एप और सीसीटीवी से रसइयों की निगरानी की जाएगी. वसुंधरा राजे के शुरू की गई योजना 'अपना रसोई' को बंद कर अशोक गहलोत राजीव गांधी के जन्मदिन पर यह योजना शुरू कर रहे हैं.

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