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राजस्थान: किताबों में फिर शामिल होगा नेहरू का चैप्टर, CM ने श‍िक्षा मंत्री को तलब कर जताई नाराजगी

राजस्थान में स्कूलों की टेक्सट बुक में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का चैप्टर फिर से शामिल किया जाएगा.

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राजस्थान में स्कूलों की टेक्सट बुक में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का चैप्टर फिर से शामिल किया जाएगा. इस मामले में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने श‍िक्षा मंत्री वासदेव देवनानी को समन कर अपनी नाराजगी जताई. टेक्स्ट बुक कमेटी के चेयरमैन ने भी इस पर अपनी गलती मान ली.

राजस्थान में इतिहास की किताबों से नेहरू का अध्याय हटाने के बाद से बवाल हो रहा है. कांग्रेस लगातार इस मुद्दे पर विरोध जता रही है. मंगलवार को राजस्थान राज्य पाठ्यक्रम समिति के इतिहास संबंधी चैप्टरों की कमेटी के अध्यक्ष ब्रजमोहन रामदेव ने इस मामले में बड़ा बयान दिया. रामदेव ने कहा, 'इसमें कोई राजनीति नही हैं, किताबों के चैप्टर अलग-अलग लेखकों ने लिखे हैं. हो सकता है कि इस दौरान नेहरू का चैप्टर हटाने में कोई भूल रही हो, इस भूल को सुधारा जा सकता है.

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महापुरषों की तुलना करना गलत: ब्रजमोहन रामदेव
ब्रजमोहन रामदेव ने कहा कि देश की आजादी में नेहरू का योगदान रहा है. आजादी के बाद वे देश के पहले प्रधानमंत्री रहे हैं. देश की आजादी में उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता. किसी कारणवश उनका चैप्टर छूटा है तो अगले वर्ष उसे जोड़ दिया जाएगा. किताब में नेहरू की एक भी फोटो न रखे जाने तथा सावरकर की फोटो जोड़े जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि महापुरुषों की तुलना करना गलत है. महापुरुष तो महापुरुष होते हैं और ऐसा भी नहीं है कि सावरकर का चैप्टर और फोटो जोड़ने के लिए पंडित नेहरू का चैप्टर हटाया हो. इसमें कोई सच्चाई नही है.

अगले साल किताबों में जोड़ा जाएगा नेहरू का चैप्टर
रामदेव ने माना कि आजादी के बाद राजस्थान के एकीकरण में भी पंडित नेहरू का योगदान रहा है, इसका उल्लेख हमने इस बुक में किया है. उन्होंने कहा कि चैप्टर हटाने के संबंध में यदि लेखकों की कोई गलती रही है तो उसे दुरुस्त किया जाएगा तथा अगले वर्ष इसके नए संस्करण में इस गलती को दुरुस्त कर उनके चैप्टरों को जोड़ दिया जाएगा.

'गोड़से का नाम हटाने के पीछे कोई मंशा नहीं'
किताब में नाथूराम गोड़से द्वारा महात्मा गांधी की हत्या करने की बात हटाने के संबंध में रामदेव ने कहा, 'यह सर्वविदित हैं कि महात्मा गांधी की हत्या नाथूराम गोड़से ने की थी. इतिहास की हर किताब और अन्य दस्तावेजों में इसका उल्लेख है. राजस्थान की किताबों में नाथूराम गोड़से द्वारा महात्मा गांधी की हत्या करने का यह तथ्य हटाने से यह बात कोई छिपने वाली नही हैं. इसमें कोई इंटेंशन नही है और ऐसा भी नही है कि नाथूराम गोड़से की जगह किसी ओर का नाम लिखा हो.'

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