दिल्ली चुनाव में बिजली का बिल एक बड़ा मुद्दा रहा. कांग्रेस ने दिल्ली में सरकार बनने पर 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया है. इसके अलावा बचाई गई बिजली के लिए तीन रुपये प्रति यूनिट कैशबैक भी देने का ऑफर है. वहीं राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने बिजली 95 पैसे प्रति यूनिट महंगी कर दी है. इतना ही नहीं इसके अलावा फिक्स चार्ज में 115 रुपये की बढ़ोतरी भी की है. यानी मार्च महीने में उपभोक्ता फरवरी महीने के लिए 15 से 20 फीसदी बढ़े हुए दरों पर बिजली बिल का भुगतान करेंगे.
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली की नई दरों की घोषणा करते हुए कहा है कि नई दरें 1 फरवरी से लागू होंगी. उपभोक्ताओं को फरवरी माह का बिल लगभग 15 से 20 फीसदी तक बढ़ा हुआ मिलेगा. आयोग ने बताया कि प्रति यूनिट 95 पैसे की बढ़ोतरी के अलावा बिजली बिल में आने वाले फिक्स चार्ज भी ₹25 से लेकर ₹115 रुपये प्रतिमाह बढ़ा दिये गये हैं.
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यानी कि अब 151 से 300 यूनिट तक बिजली जलाने पर ₹6.40 पैसे प्रति यूनिट की जगह ₹7.35 पैसे चुकाने पड़ेंगे. इस बिल के लिए फिक्स चार्ज भी ₹220 की जगह ₹275 प्रतिमाह होगा. राजस्थान में सबसे ज्यादा उपभोक्ता इसी कैटेगरी के हैं.
वहीं 301 से 500 यूनिट तक बिजली खर्च करने पर पर अब 6.70 रू प्रति यूनिट की जगह 7.65 रू प्रति यूनिट देना होगा. वहीं फिक्स चार्ज की बात करें तो वह ₹265 से बढ़कर ₹345 हो गया है. इसी तरह 500 से अधिक यूनिट की बिजली खपत पर ₹7.15 प्रति यूनिट की जगह ₹7.95 प्रति यूनिट बिल का भुगतान करना होगा. साथ ही फिक्स चार्ज भी ₹250 से बढ़कर ₹400 हो गया है.
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हालांकि राजस्थान के ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला का दावा है कि सरकार ने 50 यूनिट बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं और बीपीएल परिवारों को इस वृद्धि से मुक्त रखा है, ऐसे में 76 लाख उपभोक्ता बढ़ी हुई बिजली दरों के दायरे में नहीं आएंगे.
वहीं किसानों के बिजली कनेक्शन के फिक्स चार्ज और एग्रीकल्चर के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बिजली की दरों में भी बढ़ोतरी की गई है मगर इसका भार राजस्थान सरकार उठाएगी. यानी कि किसानों और बीपीएल के 2,469 करोड़ रुपए का भार राजस्थान सरकार अपने खजाने से देगी.