राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने आज (शुक्रवार) बीजेपी की तरफ से अपने ऊपर उठाए गए निजी सवालों को लेकर जवाब दिए. दरअसल पिछले कुछ दिनों से एक कैंपेन चल रहा है जिसमें कहा जा रहा है कि सचिन पायलट का राजस्थान से लेना-देना नहीं है. बीजेपी के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा था कि सहारनपुर के रहने वाले सचिन बिधूड़ी का राजस्थान से क्या रिश्ता है. पायलट की जगह जातिगत टायटल बिधूड़ी जानबूझकर लगाया जा रहा है ताकि उन्हें गुर्जर नेता बताया जा सके.
जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनसे पूछा गया कि राहुल गांधी स्थानीय लोगों को आगे लाने की बात करते हैं लेकिन राजस्थान में आप जैसे उत्तर प्रदेश के लोगों को क्यों आगे किया जा रहा है. इस सवाल का जवाब देते हुए पायलट ने सबका मुंह बंद कर दिया.पायलट ने कहा कि राजस्थान से मेरा नाता तब जुड़ा जब मैं ढाई साल का था. मेरा जन्म एयर फोर्स स्टेशन सरसा के आर्मी अस्पताल में हुआ. मेरे पिताजी वायु सेना में थे और 1969 में उन्होंने राजस्थान अपना कर्मस्थली चुनते हुए पहला चुनाव यहां से लड़ा. वायु सेना में रहते हुए देश की सेवा के लिए सैनिक देश के हर कोने में रहता है. मेरी बहन का जन्म हैदराबाद में हुआ. जब से मेरा रिश्ता राजस्थान से जुड़ा तब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का दूर-दूर तक प्रदेश से कहीं वास्ता नहीं था, लेकिन पिता जी के राजस्थान में आते ही मैं यहां से जुड़ गया था.
उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे 22-23 साल की उम्र में शादी करके धौलपुर आई होंगी तब उनका रिश्ता जुड़ा होगा. पायलट ने कहा कि बीजेपी वाले मेरा जन्म स्थान पूछ रहे हैं जरा बताएं कि उनके नेता लालकृष्ण आडवाणी का जन्म कहां हुआ था.
पायलट ने खुद के विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के सवालों के जवाब में इसे कयास बताया और कहा कि बहुत जल्द सामने आ जाएगा कि वह कहां से चुनाव लड़ेंगे. दरअसल सचिन पायलट अभी तक कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़े हैं. एक बार अपने पिताजी के सीट दौसा से लोकसभा के लिए पहली बार चुने गए लेकिन दौसा सीट एसटी के लिए रिजर्व हो गई. इसके बाद वह अजमेर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े. तीसरा चुनाव वह अजमेर लोकसभा क्षेत्र से हार गए.
ऐसे में पायलट के लिए नया विधानसभा चुनाव क्षेत्र एक बड़ी चुनौती है. लोगों के लिए यह चर्चा का विषय बना हुआ है. जयपुर में बीजेपी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए उन्होंने कहा कि 5 साल में बीजेपी ने राजस्थान को पीछे धकेला है. पायलट ने बिजली से लेकर पानी, नौकरी से लेकर कानून व्यवस्था तक के आंकड़े पेश किए. इसके अलावा राजस्थान कांग्रेस के जन घोषणापत्र की भी शुरुआत की.