राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के भीतर जारी घमासान अभी थमा नहीं है. अशोक गहलोत गुट और सचिन पायलट गुट लगातार एक दूसरे पर निशाना साधने से नहीं चूक रहे हैं. गुरुवार को गहलोत गुट की ओर से निर्दलीय विधायक महादेव सिंह खंडेला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने कहा कि राजस्थान में अशोक गहलोत ही कांग्रेस हैं.
महादेव सिंह खंडेला बोले कि सचिन पायलट को कांग्रेस ने जितना मान-सम्मान दिया, वो कहीं नहीं मिलता. लेकिन सचिन पायलट ने जो पार्टी के साथ किया, वो नहीं करना चाहिए था. सचिन पायलट को कंधे से कंधा मिलाकर राजस्थान की जनता के लिए काम करना चाहिए था, सरकार अशोक गहलोत की वजह से बनी थी और वही सीएम बने रहेंगे.
पायलट गुट की ओर से किया गया पलटवार
अशोक गहलोत गुट की ओर से जब ऐसा हमला किया गया, तब पायलट गुट की ओर से पलटवार किया गया. कांग्रेस नेता सुभाष मील ने पलटवार करते हुए कहा कि जिन्होंने कांग्रेस के खिलाफ ही चुनाव लड़ा था, वो कैसे ऐसी नसीहत दे सकते हैं.
सुभाष मील ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने महादेव सिंह खंडेला को विधायक, सांसद और केंद्र में मंत्री बनाया. चुनाव हारने पर भी टिकट देकर सांसद और केंद्र में मंत्री बनाया. फिर चुनाव हारे तो बेटे को टिकट दिया. बेटे के हारने पर राहुल गांधी के युवाओं के आगे लाने के प्लान पर कांग्रेस ने मुझे टिकट दिया, तो पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़े. उन्होंने कहा कि टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ ही उतर गए थे, ऐसे नेताओं को सचिन पायलट को नसीहत देने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.
बसपा भी इस जंग में कूदी
कांग्रेस की इस आपसी लड़ाई में बहुजन समाज पार्टी की भी एंट्री हो गई है. बसपा प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने कहा कि कांग्रेस के विधायकों पर गद्दार होने का आरोप लगाने वाले ही विधायक गद्दार हैं. बाबा ने बसपा छोड़ कांग्रेस का साथ देने वाले विधायकों को खरी खोटी सुनाई और कहा कि सत्ता के लालच में आकर ये लोग वहां चले गए. बसपा प्रदेश अध्यक्ष ने अशोक गहलोत से अपील की है कि बसपा से आए विधायकों को मंत्रिमंडल में ना लिया जाए.