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राजस्थानः कांग्रेस में CM बनने के लिए गहलोत-पायलट में सियासी बयानों की जंग

राजस्थान कांग्रेस का कहना है कि पार्टी में चुनाव पूर्व सीएम का चेहरा घोषित करने की परंपरा नहीं है. लेकिन सीएम पद के तीन उम्मीदवारों के बयानों से उनकी होड़ दिख रही है.

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सचिन पायलट और अशोक गहलोत
सचिन पायलट और अशोक गहलोत

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राजस्थान में कांग्रेस को सत्ता में वापसी का भरोसा क्या जगा, मुख्यमंत्री बनने के लिए पार्टी में खींचतान शुरू हो गई है. कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत, सीपी जोशी और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनने के अपने सपने छिपा नहीं पा रहे हैं. सियासी गलियारे में यह चर्चा का विषय बना हुआ है.

राज्य में सत्ता विरोधी लहर के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश और उम्मीद दोनों दिख रही है. मगर जीते तो किसके सिर बंधेगा सेहरा, इसे लेकर ऊपर से नीचे तक सब कन्फूज हैं. इसकी वजह है कांग्रेस के बड़े नेताओं की मुख्यमंत्री बनने की चाहत. राज्य में अशोक गहलोत सबसे ज्यादा लोकप्रिय चेहरा भले ही हों, लेकिन सचिन पायलट उनको दूर ही रखना चाहते हैं.

पायलट ऑस्ट्रेलिया गए तो पीछे से अशोक गहलोत ने कह दिया कि वह पार्टी का चेहरा हैं, हालांकि बाद में उन्होंने इसका खंडन किया और कहा कि जिसे कांग्रेस अलाकमान चाहेंगे वही सीएम बनेगा. मगर ये कहना नहीं भूलते हैं कि जनता की आवाज ही मुख्य है यानी जनता की सुनी जाएगी तो चेहरा वह ही हैं.

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गहलोत को सीएम का चेहरा घोषित करने की मांग कर पूर्व केंद्रीय मंत्री लालचंद कटारिया ने मामले को गर्मा दिया है. इन सब से खफा पायलट खेमे ने इनकी शिकायतें कांग्रेस आलाकमान के पास की है. पायलट समर्थक और जयपुर कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास गिनाने में लगे हैं कि सचिन पायलट ने कैसे प्रदेश में उपचुनावों में जीत हासिल की है. पायलट इशारे-इशारों में गहलोत पर हमला बोल रहे हैं कि पार्टी ने बड़े नेताओं को बहुत कुछ दिया है. अब उनको पद का लालच छोड़कर पार्टी की सेवा करनी चाहिए.

कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय सभी नेताओं को अनुशासनात्मक कार्यवाही का डर दिखाकर धमका रहे हैं कि मुख्यमंत्री के उम्मीदवारी को लेकर कोई नहीं बोलेगा. मगर पांडेय को कोई घास नहीं डाल रहा है. इस बीच बिहार, बंगाल के प्रभार से मुक्त होकर सीपी जोशी भी राज्य की राजनीति में ताल ठोक रहे हैं. उनके समर्थक पूर्व मंत्री उदयलाल अंजना ने खुलेआम सीपी जोशी को सीएम का उम्मीद्वार घोषित करने की मांग की है. हालांकि सीपी इस पर बोलने से बच रहे हैं.  

फिलहाल कांग्रेस यही कहकर काम चला रही है कि पार्टी में चुनाव पूर्व सीएम का चेहरा घोषित करने की परंपरा नहीं है. मगर पार्टी के मेरा गौरव, मेरा बूथ कार्यक्रमों में जमकर कुर्ता फट रहा है और कुर्सियां फेंकी जा रही हैं. इन सबसे कांग्रेस के आम कार्यकर्ता डरे हुए हैं कि पार्टी चुनाव में हिट विकेट ने हो जाए.

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