राजस्थान में एक बार फिर कोरोना मामले बढ़ने शुरू हो गए हैं. राजधानी जयपुर में सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं. स्कूल में भी कोरोना का प्रकोप देखने को मिल रहा है. अब इन चिंताजनक परिस्थितियों के बीच गहलोत सरकार ने सख्त रवैया अपना लिया है.
राजस्थान में वैक्सीन नहीं तो एक्शन
राज्य के नए स्वास्थ्य मंत्री बने परसादी लाल मीणा ने स्पष्ट कर दिया है कि राजस्थान में सभी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेना जरूरी है. वहीं अगर ऐसा नहीं किया गया तो अब राज्य सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन लेगी. सरकार की माने तो वैक्सीन नहीं लगवाने वाले लोगों को सुविधाएं मिलना बंद हो जाएंगी. उन पर दूसरी कुछ और पाबंदियां भी लगाई जा सकती हैं.
स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक वे टीकाकरण को भी किसी सरकारी योजना से जोड़ देंगे, ऐसा होने पर अगर वैक्सीन नहीं लगवाई जाएगी तो उन लोगों को उस सरकारी योजना का फायदा मिलना भी बंद हो जाएगा. अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन परसादी लाल मीणा ने स्पष्ट संकेत दे दिए हैं.
घर जाकर वैक्सीन देने पर विचार
उन्होंने जोर देकर कहा है कि कोरोना की वजह से हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई है. ऐसे में किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने इस बात पर भी चिंता जाहिर की है कि लोगों ने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज तो लगवा ली है, लेकिन कई बार दूसरी डोज के लिए नहीं आते हैं. ऐसे में सरकार घर जाकर वैक्सीन लगाने पर भी विचार कर रही है. जोर इसी बात पर दिया जा रहा है कि सभी को समय रहते कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग जाएं.
अब ये सख्ती भी इसलिए देखने को मिल रही है कि क्योंकि राजस्थान में अचानक से कोरोना मामले बढ़ने लगे हैं. बहुत ज्यादा तो नहीं बढ़े हैं, लेकिन ट्रेंड अच्छे संकेत नहीं दे रहा है. जयपुर में स्थिति ज्यादा चिंता बढ़ाने वाली है क्योंकि वहां पर संक्रमण तेजी से फैलता दिख रहा है. हाल ही में उदयपुर के स्कूल में भी 12 बच्चे कोरोना की चपेट में आ गए थे. ऐसे में कोरोना का खतरा अब बच्चों में भी दिखने लगा है, इसी वजह से सरकार भी ऐसी सख्ती दिखा रही है.