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पहलू खान लिंचिंग मामलाः वीडियो में नहीं दिखा चेहरा, सभी 6 आरोपी बरी

राजस्थान के पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. अलवर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने सबूतों में कमी के आधार पर आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया है. इस मामले में पीड़ितों के वकील योगेंद्र सिंह खड़ाना ने कहा है कि फैसले की कॉपी मिलने के बाद इसका अध्ययन कर वे फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे.

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पहलू खान पर हुआ हमला कैमरे में कैद हो गया था. (वीडियो ग्रैब)
पहलू खान पर हुआ हमला कैमरे में कैद हो गया था. (वीडियो ग्रैब)

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राजस्थान के पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. अलवर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने सबूतों की कमी के आधार पर आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया है. इस मामले में पीड़ितों के वकील योगेंद्र सिंह खड़ाना ने कहा है कि फैसले की कॉपी मिलने के बाद इसका अध्ययन कर वे इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे. बता दें कि इस मामले में कुल 9 आरोपी थे. इनमें से 3 आरोपी नाबालिग थे. बुधवार को अदालत ने 6 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए निर्दोष करार दिया.

रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने अपने आदेश में वीडियो फुटेज को सबूत नहीं माना है. कोर्ट ने अपने आर्डर में कहा कि पुलिस ने वीडियो फुटेज की एफएसएल जांच नहीं कराई है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि पहलू खान के बेटे आरोपियों की पहचान नहीं कर सके. इन आधारों पर कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया.

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अलवर जिला अदालत में जज साहिबा ने जैसे ही यह आदेश सुनाया कोर्ट के बाहर भारत माता की जय के नारे लगने शुरू हो गए. फैसला आने के बाद आरोपियों के वकील ने कहा की आरोपियों का पर्चा बयान नहीं हुआ था, ना ही उनकी कोई शिनाख्त हुई थी क्योंकि पहलू खान मर चुका था. ऐसे में पुलिस ने गलत केस बनाकर इन्हें गिरफ्तार किया है. बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि जो वीडियो है वह वीडियो बिल्कुल धुंधला है जिसमें किसी की तस्वीर साफ नहीं दिखाई दे रही है और वीडियो कोर्ट में ऐडमिसेबल भी नहीं है. लिहाजा कोर्ट ने इन लोगों को बाइज्जत बरी किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक जिस व्यक्ति के बारे में दावा किया गया कि उसने घटना का वीडियो बनाया था, उसने कोर्ट में आकर गवाही नहीं दी कि ये वीडियो उसी ने बनाया है. बचाव पक्ष के वकील के मुताबिक ऐसे में वीडियो की सत्यता पर भी सवाल उठता है. जहां तक मोबाइल लोकेशन की बात है मोबाइल लोकेशन से यह साबित नहीं होता है कि आरोपियों के पास उस वक्त उनका मोबाइल था और वे वहां पर मौजूद थे.

बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि यह भगवान ही जाने की पहलू खान को किसने मारा है पहलू खान को तो यहां पर किसी ने नहीं मारा है, ऊपर वाला ही तय कर पाएगा कि पहलू खान कैसे मरा है?

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इधर सरकारी वकील ने कहा कि हमारे पास जो भी एविडेंस पुलिस ने दिए, हमने पूरी कोशिश की थी मगर अदालत ने हमारी बात नहीं मानी है. हम ऊपरी अदालत में जाएंगे.

बता दें इसके पहले पहलू खान के बयान पर पुलिस ने 6 लोगों को आरोपी बनाया था मगर उन सभी आरोपियों को जांच के दौरान पुलिस ने क्लीन चिट दे दी थी. इसके बाद में 9 लोगों को आरोपी बनाया गया,  जिसमें से 6 बुधवार को बरी हो गए और 3 की सुनवाई किशोर न्यायालय में हो रही है क्योंकि वे नाबालिग हैं.

क्या है मामला?

एक अप्रैल, 2017 को हरियाणा के नूह मेवात जिले के जयसिंहपूरा गांव के रहने वाले पहलू खान अपने दो बेटों उमर और ताहिर के साथ जयपुर के पशु बाजार से दुधारू पशु खरीदकर अपने घर जा रहे थे. इस बीच राजस्थान के अलवर के बहरोड़ पुलिया के पास भीड़ ने गाड़ी रुकवा कर पहलू खान और उनके बेटों से मारपीट की थी. जब इस घटना की जानकारी पुलिस को मिली तो घटना स्थल पर पुलिस पहुंची और पहलू खान को बहरोड़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान 4 अप्रैल 2017 को उनकी मौत हो गई थी.  इस मामले में 2 अप्रैल को मुकदमा दर्ज हुआ था. पुलिस ने इस मामले में पहलू खान के बेटों सहित 44 गवाहों के बयान कोर्ट में कराए थे.

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