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गो मंत्रालय वाले राजस्थान की गौशाला में कुत्तों ने बनाया बछड़े को निवाला

गोसेवा टैक्स के रूप में राज्य सरकार ने इस साल 113 करोड़ इकट्ठा किए हैं, मगर मौजूदा हालात देखकर लगता है कि राज्य में गौशालाओं की स्थिति अब भी नही बदली हैं.

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बछड़े को नोच रहे कुत्ते लाल घेरे में
बछड़े को नोच रहे कुत्ते लाल घेरे में

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राजस्थान ऐसा पहला राज्य है जहां गो-मंत्रालय और गाय मंत्री हैं. सरकार गौ टैक्स लगाती है. लेकिन राजस्थान से आए दिन गायों के मरने की खबरें आती रहती हैं. अब राजस्थान सरकार के पशु चिकित्सालय के गौशाला में कुत्तों के नोच-नोच कर बछड़े को खाने की दर्दनाक तस्वीरें सामने आई हैं. गौशाला की देखरेख करने वालों का कहना है कि गलती हो गई, अब नहीं होगी.

हालांकि ऐसा होता नहीं दिख रहा. क्योंकि 11 महीने पहले ही राजस्थान के हिंगोनिया स्थित सरकारी गौशाला में हजारों गायों के मरने की घटना सामने आई थी, जिसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि राज्य सरकार गौशाला में रहने वाली गायों के बेहतर पालन-पोषण के लिए कुछ करेगी.

10 दिन पहले ही लगाए गए थे सीसीटीवी कैमरे

मगर यह सच है कि गौशाला में बहुत दिनों से गाय-बछड़ों को कुत्ते काट कर खा रहे हैं और 10 दिन पहले कुछ लोगों ने इसी वजह से वहां कैमरे लगा दिए थे.

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जयपुर शहर के सबसे वीआईपी इलाके एमआई रोड का पांच बत्ती इलाका. यहीं पर राजस्थान सरकार का सबसे बड़ा पशु चिकित्सालय है. इस पशु चिकित्सालय में 1980 से ही बीमार गायों के लिए एक गौशाला भी चल रही है. लेकिन इस गौशाला की जो तस्वीरें सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई हैं, वह दिल दहला देने वाली है. तस्वीरें रात की हैं, जिसमें दिख रहा है कि मां एक तरफ बंधी है और उसके सामने ही उसके हृष्ट-पुष्ट बछड़े को कुत्ते नोच-नोच कर खा रहे हैं और बछड़े की मां लाचार सी देख रही है.

गौशाला की टूटी बाड़

टूटी हुई बाड़ से पहले एक कुत्ता गौशाला के अंदर आता है, उसके पीछे-पीछे दूसरा कुत्ता भी आ जाता है, फिर तीसरा कुत्ता भी अंदर घुस आता है. तीनों कुत्तों इसके बाद हमला कर बछड़े को मार डाला. हालांकि ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है. इस गौशाला में इस तरह कुत्तों द्वारा गाय और उनके छोटे-छोटे बछड़ों की मारने की घटना पहले भी होती रही है. इसकी असलियत जानने के लिए कुछ गौभक्तों ने गौशाला में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए, जिसमें दो नवंबर को ये तस्वीरें कैद हुईं.

आजतक की टीम पहुंची गौशाला

हैरत की बात यह है कि जब आजतक की टीम यहां पहुंची, उस वक्त भी गौशाला में कुत्ते और बिल्लियां घूम रही थीं और उनको रोकने वाला वहां कोई नहीं था. इस गोशाला को पशुपालन विभाग ने जीव कल्याण परिषद को संचालन के लिए दे रखा है. इसके लिए राजस्थान सरकार की तरफ से डॉक्टर भी नियुक्त किए गए हैं. बोर्ड पर आप देख सकते हैं कि सभी लोगों की ड्यूटी और ड्यूटी का समय दर्ज है, मगर यहां कोई नहीं रहता.

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गौशाला कर्मियों ने मानी गलती

जीव कल्याण परिषद के सचिव डॉ. डीएस भंडारी हों या फिर केयरटेकर कुंज बिहारी, सब यही कह रहे हैं कि गलती हो गई, अब नहीं होगी.

इस गोशाला की हालत इतनी बुरी है कि यहां पशुओं के पीने के लिए रखे पानी और चारे में कीड़े लग गए हैं. यहां रोजाना करीब 20 गायें आती हैं, जिसमें से रोजाना करीब 10 गाएं मर जाती हैं.

गोसेवा टैक्स के रूप में राज्य सरकार ने इस साल 113 करोड़ इकट्ठा किए हैं, मगर मौजूदा हालात देखकर लगता है कि राज्य में गौशालाओं की स्थिति अब भी नही बदली हैं.

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