राजस्थान के धौलपुर में बारिश के लिए कुछ लोगों ने तीन नाबालिग लड़कियों को इन भीषण गर्मी में आग के पास भूखे-प्सासे बैठा रखा है. तीनों लड़कियां पिछले पांच दिनों से आग के बीच तप पर बैठी हैं और उनके आसपास बैठे लोग भजन कीर्तन कर रहे हैं.
बारिश न होने से परेशान किसान इस तरह के अंधविश्वास का सहारा ले रहे हैं. वे परंपरागत कथाओं के अनुसार बारिश के देवता इंद्र को मनाने के लिए सिद्ध स्थलों और चौराहों पर बच्चों को धूप में बिठाकर अंगा-दाल का भोजन खिला रहे हैं. वहीं गांव की तीन लड़कियां इंद्र देव को मनाने के लिए तप पर बैठी हुई हैं.
ऐसी ही एक बच्ची पूजा है. बसेड़ी उपखंड के पुरा पाटौर गांव की रहने वाली 11 वर्षीय पूजा चार दिनों से तप पर बैठी है. इसके अलावा भगौरा गांव में सात साल की कल्पना और 11 वर्षीय पूजा भी इसी तरह पिछले पांच दिन से आग के आगे तप कर रही है.
इन तीनों लड़कियों ने इस दौरान खाना तो दूर पानी का एक बूंद तक नहीं पिया है. इन बच्चियों को यूं अंधविश्वास की आग में धकेलने में इनके घर और गांव वालों का ही हाथ माना जा रहा है, लेकिन पुलिस-प्रशासन से बचने के लिए ये लोग कह रहे हैं कि उन्हें बिना बताए ही ये बच्चियां तप पर बैठ गईं.
वहीं प्रशासन भी इसकी खबर मिलने पर बच्चियों को उठाने के लिए पहुंची, लेकिन उन बच्चियों ने यह कहकर वहां से उठने से इनकार कर दिया कि जब तक बारिश नहीं होती, वे वहां से हिलेंगी नहीं.
इस बच्चियों के इस तप की खबर फैलते ही आसपास के महिला-पुरुष भी बड़ी संख्या में वहां पहुंचने लगे हैं. ये लोग तप कर रही इन बच्चियों की पूजा कर रहे हैं और भजन कीर्तन में जुटे हैं.
इस साल मौसम विभाग की तरफ से अच्छे मॉनसून के पूर्वानुमान के बावजूद धौलपुर जिले में बारिश नहीं होने से किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभरने लगी हैं. जुलाई का पूरा पखवाड़ा सूखा गुजरने के बाद खरीफ की बुबाई में बैठे किसान अब आकाश की ओर आशा भरी नजरों से देख रहे हैं.
इलाके के किसान फतेह सिंह का कहना है कि जुलाई का महीना निकलता जा रहा है. बारिश नहीं होने के कारण बुवाई भी देरी से हुई और अब पानी नहीं होने से फसल नष्ट होने की कगार पर है. बारिश न होने से खरीफ की फसल को काफी नुकसान हो रहा है और अब हम ईश्वर की शरण में हैं. मौके पर मौजूद प्रताप सिंह कहते हैं कि जून और जुलाई के महीने में दो-तीन बार बारिश हुई, लेकिन उसके बाद बारिश नहीं होने के चलते खरीफ की बुबाई का समय लगभग निकल सा चुका है और सारे खेत वीरान दिख रहे हैं.
बता दें कि पिछली बार भी इसी तरह के नाबालिग लड़कियों को बारिश के लिए तप पर बैठाया गया था तो पुलिस-प्रशासन ने घरवालों पर मुकदमा कर लड़कियों को अस्पताल में भर्ती कराया था. हालांकि अंधविश्वास में अंधे इन लोगों की आस्था खत्म नहीं होती और हर साल इस तरह के मंजर देखने को मिलते रहे हैं.