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डूंगरपुर में बवाल पर बोले राजस्थान के DGP- बाहरी लोगों ने फैलाई हिंसा

हिंसक घटना के बारे में राजस्थान के डीजीपी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि किसी संगठन के लोग होने की जानकारी नहीं है मगर यह बात सामने आई है कि कुछ लोग झारखंड और ओडिशा के आदिवासी इलाके से आए थे.

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डूंगरपुर में हिंसा
डूंगरपुर में हिंसा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हिंसा में दो की मौत, 5 लोग घायल
  • तीन दिन तक चलती रही हिंसक वारदात
  • आंदोलनकारियों ने खेरवाड़ा इलाके को घेरा

राजस्थान के डूंगरपुर में आदिवासी इलाके में बीते दिन हिंसक घटनाएं सामने आईं. रात को आंदोलनकारियों ने पूरे खेरवाड़ा इलाके को घेर लिया और कई होटल और मकानों में आग लगा दी. हिंसक भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी. बताया जा रहा है कि दो लोगों की मौत हुई है, जबकि करीब 5 लोग घायल हो गए. इस हिंसक घटना के बारे में राजस्थान के डीजीपी का बयान आया है. डीजीपी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हिंसा में शामिल कुछ लोग बाहर से आए थे. 

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हिंसक घटना के बारे में राजस्थान के डीजीपी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि किसी संगठन के लोग होने की जानकारी नहीं है मगर यह बात सामने आई है कि कुछ लोग झारखंड और ओडिशा के आदिवासी इलाके से आए थे. ऐसे लोगों की जानकारी इकट्ठा की जा रही है. डीजीपी ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने की वजह से 2 लोगों की मौत हुई है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. कई लोग भी जख्मी हुए हैं. बड़ी संख्या में प्रॉपर्टी का भी नुकसान हुआ है.

दो हजार से ज्यादा आरोपी

डूंगरपुर की इस वारदात में एक दर्जन से ज्यादा मामलों में 2000 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है. नौकरियों में भर्ती को लेकर उदयपुर और डूंगरपुर बॉर्डर के खेरवाड़ा में 4 दिन तक आदिवासी समाज के लोगों ने जमकर हिंसा फैलाई थी जिस पर अब काबू पा लिया गया है. डीजीपी ने विपक्ष के आरोपों पर कहा कि यह इंटेलिजेंस फेल्योर नहीं है बल्कि वहां पर शांतिपूर्ण धरना काफी दिन से चल रहा था. कुछ इनपुट हमारे पास थे मगर बहुत सारी वजहें होती हैं जिससे हम कार्रवाई नहीं कर पाते हैं. पुलिस फोर्स के लोग पंचायत चुनाव की तैयारियों में लगे थे और कई लोग कोरोना की वजह से ड्यूटी पर थे. इसकी वजह से हो सकता है कि इतना ध्यान न दिया गया हो.

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खेरवाड़ा इलाके में सामान्य वर्ग और आरक्षित वर्ग के बीच फैली वैमनस्यता को लेकर उन्होंने कहा कि हम राजनीतिक आरोपों का जवाब नहीं देते हैं. किसी भी इलाके की भौगोलिक परेशानियां होती हैं जिसका लोग फायदा उठाने की कोशिश करते हैं. पुलिस और प्रशासन का काम है कि शांति व्यवस्था बनाए रखे. अपने कार्यकाल से 7 महीने पहले वीआरएस लेने के सवाल पर डीजीपी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मेरे वीआरएस को लेकर कोई भी अटकलबाजी नहीं करनी चाहिए. मैंने बेहद निजी कारणों से वीआरएस लिया है और मेरा अभी तक कोई फ्यूचर प्लानिंग नहीं है. जब तक मैं इस पद पर हूं अपना काम कर रहा हूं.

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