राजस्थान में चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खास माने जाने वाले खादी ग्रामाद्योग और डेयरी राज्यमंत्री बाबूलाल नागर पर रेप का आरोप लगा और उन्होंने इस्तीफा भी दे दिया. लेकिन इस पूरे मामले से गहलोत सरकार की साख पर बड़ा धब्बा लगा है.
माना जा रहा है कि इस बार राज्य चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी, ऐसे में नागर पर लगे ये आरोप गहलोत ससरकार को मुश्किलों में डाल सकते हैं.
हालांकि नागर पर आरोप कोई पहली बार नहीं लगा है. इससे पहले जब नागर के पास खाद्य आपूर्ति विभाग था, तब पद के दुरुपयोग के मामले में स्थानीय अदालत के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुई थी. उन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने खिलाफ शिकायत करने वाले शख्स रामेश्वर चौधरी को धमकाया था और उस पर हमला भी किया था.
इतना ही नहीं नागर के खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर तब पीडीएस घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच भी शुरु की गई थी. इस घोटाले की वजह से जब नागर विधानसभा में बोलने के लिए खड़े होते थे तो विपक्ष 'आटा चोर' के नारे लगाता था, हालांकि उसी वक्त गहलोत सरकार महिपाल मदेरणा-भंवरी प्रकरण, गोपलागढ़ सांप्रदायिक दंगे के आरोपों से घिरी थी. इसलिए मंत्रिमंडल में फेरबदल के नाम पर गहलोत ने तब सिर्फ नागर पर इतनी कार्रवाई की कि उनका मंत्रालय बदल दिया था.
गहलोत को अपने दूसरे कार्यकाल में मंत्रियों की छवि की वजह से ही ज्यादा बदनामी झेलनी पड़ी है. अब तक गहलोत सरकार के जिन-जिन मंत्रियों पर आरोप लगे हैं, उनमें शांति धारीवाल, भरोसी लाल जाटव, परसादी लाल मीणा, राम लाल जाट, महिपाल मदेरणा, बीना काक, बृजकिशोर शर्मा, हेमाराम चौधरी का नाम शुमार है. इनमें से कुछ का इस्तीफा हुआ तो कुछ के विभाग बदले गए.