एक तरफ देश भर में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि की खबरें आ रही हैं तो दूसरी तरफ राजस्थान की गहलोत सरकार ने पेट्रोल की कीमतें कम करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. राजस्थान की गहलोत सरकार ने पेट्रोल-डीजल के मूल्य पर लगने वाले वैट टैक्स (value-added tax) को दो प्रतिशत घटाने का निर्णय लिया है. जिससे राजस्थान की जनता को थोड़ी राहत मिल सकती है. राज्य के वित्तीय विभाग ने एक आदेश जारी किया है. जो गुरुवार की आधी रात से लागू हो चुका है.
इस फैसले के बारे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि ''एक तरफ अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें अपने सबसे कम स्तर पर हैं, दूसरी तरफ देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से महंगाई बढ़ती जा रही है. जिसके कारण आम जनता को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.''
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27 जनवरी के दिन राजस्थान के श्रीगंगानगर शहर में ब्रांडेड या प्रीमियम पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई थी. पेट्रोल-डीजल की कीमतें अलग-अलग राज्यों में लगने वाले लोकल टैक्स अथवा वैट टैक्स के कारण अलग-अलग होती हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि ''केंद्र सरकार 1 लीटर पेट्रोल पर 32.98 रुपए वसूल रही है उसी प्रकार 1 लीटर डीजल पर 31.83 रुपए टैक्स वसूल रही है, जोकि बहुत ज्यादा है.''
केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए गहलोत ने कहा, 'भारत सरकार द्वारा राज्यों को दिए जाना वाला एक्साइज ड्यूटी का हिस्सा लगातार कम किया जा रहा है, जो पेट्रोल के 9.48 रुपए प्रति लीटर से गिरकर 2.98 पहुंच चुका है और डीजल के लिए 11.33 रुपए से कम होकर 4.83 पहुंच चुका है. जिसके कारण राजस्थान समेत बाकी राज्यों को राजस्व का भारी नुकसान पहुंच रहा है.
मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे बताया कि ''केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर लगातार एडिशनल एक्साइज ड्यूटी 8 रुपए से 18 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ाती जा रही है, इसी प्रकार स्पेशल एक्साइज ड्यूटी पेट्रोल पर 7 रुपए से 12 रुपए बढ़ा दी गई है और डीजल पर शून्य से 9 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दी गई है.''
''केंद्र सरकार की इस नीति के कारण राज्यों को उनका लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसके अलावा लोग भी पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं. मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा, 'राजस्थान सरकार को देखते हुए केंद्र सरकार को भी पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले केन्द्रीय कर कम करके आम आदमी को राहत देनी चाहिए.