राजस्थान के सरकारी दफ्तरों में कामकाज एक बार फिर से ठप्प पड़ गया है. 11 दिसंबर को दिन भर के प्रदर्शन के बाद 12 दिसंबर मंगलवार से राजस्थान के करीब 10 लाख सरकारी कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार का ऐलान किया. राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि सरकार को उनकी मांग माननी ही होगी.
प्रदेश भर में पेन एंड टूल डाउन कार्य बहिष्कार
गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को ही कर्मचारियों ने धमकी देते हुए एक दिन का सामूहिक अवकाश घोषित करते हुए काम बंद कर दिया था. कर्मचारियों ने सोमवार से सभी जिला मुख्यालयों पर 48 घंटे का अनशन शुरू किया और उसके बाद ऐलान किया कि 12 दिसंबर से प्रदेश भर में पेन एंड टूल डाउन कार्य बहिष्कार किया जाएगा.
राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक आयु दान सिंह कविया का कहना है कि 13 दिसंबर से राज्य भर में सरकारी कर्मचारी राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे और जिला कलेक्टरों के माध्यम से राजस्थान सरकार को ज्ञापन भेजेंगे.
कर्मचारियों की सरकार से मांग
सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि 7वें वेतन आयोग का एरियर जनवरी 2016 से सरकार नगद भुगतान करे, जबकि सरकार जनवरी 2017 से देना चाहती है. अनुसूची 5वें वेतन संगठनों को दूर करने के नाम पर की गई कटौती को वापस करे, पे मैट्रिक्स का एंट्री लेवल केंद्र के समान किया जाए, 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए, अधीनस्थ मंत्रालयिक संवर्ग की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए और निजीकरण एवं पदों की कटौती करना बंद किया जाए.