सेंट्रल मोटर व्हीकल्स एक्ट के प्रावधानों को लेकर आज राजस्थान सरकार की उच्च स्तरीय मीटिंग होने जा रही है. इस मीटिंग में राजस्थान सरकार जुर्माने की रकम पर विचार करेगी. मीटिंग में इस बात की समीक्षा की जाएगा कि जो नए प्रावधान हैं, उसके तहत जुर्माने की जो राशि है, क्या उसमें बदलाव किए जाएं या नहीं. रविवार को आज तक से बातचीत में राजस्थान सरकार के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा था कि केंद्र सरकार के सेंट्रल मोटर व्हीकल्स एक्ट को राजस्थान की सरकार रोक नहीं सकती है पर जुर्माने की राशि की समीक्षा की जा सकती है और उसको जुर्माने की राशि कम करने का अधिकार है.
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि दुर्घटनाएं रुके, लेकिन ऐसा नहीं हो कि जुर्माने के डर से ट्रैफिक पुलिस किसी को रोके तो वो भागने लगे. जुर्माने की राशि इतनी होनी चाहिए कि कानून तोड़ने वाला व्यक्ति इसका भुगतान कर सके.
परिवहन मंत्री ने कहा कि जब ट्रैफिक पुलिस किसी को रोकेगी तो उसे लगेगा कि 20 हजार जुर्माना हो जाएगा तो वो कार को दौड़ाएगा, एक्सीडेंट करेगा, लेकिन हमारा मकसद है दुर्घटनाएं रोकना. प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि जुर्माने की राशि 500 से सीधा 5000 कर दी गई है, आप उसके दो हजार पर लाते, ढाई हजार पर रखते. परिवहन मंत्री खाचरियावास ने यह भी कहा कि उनका मानना है कि जुर्माना राशि और दुर्घटनाओं का कोई संबंध नहीं है और जुर्माने की राशि बढ़ाने से भ्रष्टाचार और भी बढ़ेगा.
परिवहन मंत्री ने कहा, "हम यह नहीं कह रहे कि हम नियम ही रोक देंगे पर हम इसको कितना कम कर सकते हैं, इसकी समीक्षा के लिए हमनें सोमवार को मीटिंग बुलाई है. कल ही सारा फैसला कर देंगे और सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट का मतलब यह नहीं है कि हम केंद्र सरकार को चैलेंज कर रहे हैं. मेरा यह मानना है कि जुर्माना राशि बढ़ाने से दुर्घटनाएं रोकने का कोई संबंध नहीं है, इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा."