राजस्थान सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर ढोल पीट रही है, लेकिन सरकार की स्वास्थ्य सेवाएं किस तरह 'खाट' पर हैं, इसका नजारा सिरोही जिले के रोड पर देखने को मिला. एसडीएम राजलक्ष्मी गहलोत जब गांव के बीमार लोगों को देखने पहुंचीं तो खुद बीमार पड़ गईं.
क्या है पूरा मामला?
सिरोही में बालोरिया नाम की बीमारी से 7 लोगों की मौत की जानकारी लेने के लिए एसडीएम गांव पहुंची थीं. लेकिन लोगों की बीमारी का निरीक्षण करते-करते एसडीएम खुद बीमार हो गईं.
एसडीएम को डेढ़ किलोमीटर का पहाड़ी रास्ता तय कर पागाराफली गांव पहुंची थीं. तो वहां उनकी हालत बिगड़ने लगी. लेकिन गांव में या आसपास कोई अस्पताल नहीं होने की वजह से लोगों ने उन्हें खाट पर लिटाया. इसके बाद चारपाई को कंधे का सहारा देकर पहाड़ी के रास्ते करीब 1 किलोमीटर का रास्ता तय कर मुख्य रोड तक पहुंचाया. इस बीच एसडीएम के साथ मौके पर गए डॉक्टरों ने उनका इलाज किया. गांव वालों ने धूप से बचाव के लिए एसडीएम के ऊपर छाता भी लगा रखा था.
बता दें कि इस इलाके में पिछले 7 दिनों में करीब 7 लोगों की मौत बालोओरिया नाम की एक बीमारी से हो गई है. लोगों का कहना है कि एक तरह की जंगली घास यहां लोग खाते हैं, जिसकी वजह से बीमारी होती है.
बाड़मेर में दो शवों का हुआ सड़क पर पोस्टमॉर्टम
बाड़मेर से इंसानियत को शर्मशार करने वाली एक तस्वीर सामने आई थी. यहां सरकारी तंत्र ने दो महिलाओं की लाशों का खुली सड़क पर पोस्टमॉर्टम कर दिया.
राजस्थान के बाड़मेर जिले के भारत-पाक सीमा पर बसे गडरारोड़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में बुधवार को दो महिलाओं का पोस्टमॉर्टम अस्पताल परिसर की सड़क पर कर दिया गया. दरअसल, मंगलवार को तमलोर गांव में महिलाओं को करंट लगने से मौत हो गई थी. उसके बाद में उनके शव को अस्पताल लाया गया. लेकिन पोस्टमॉर्टम अस्पताल परिसर की सड़क पर ही कर दिया गया.