राहुल गांधी के वादे के अनुसार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बाद अब राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसानों को कर्ज माफी का तोहफा देने के लिए गुणा भाग कर रहे हैं. राजस्थान के करीब 59 लाख किसानों पर 99 हजार करोड़ का बैंकों का कर्ज है.
राजस्थान में मुख्यमंत्री के रूप में अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री के रूप में सचिन पायलट को शपथ लिए 2 दिन हो गए, लेकिन अभी तक दोनों राहुल गांधी का किसानों से किया वादा निभाने के चक्कर में हिसाब किताब लेकर बैठे हुए हैं.
मुख्य सचिव के साथ अफसरों की बैठक में अशोक गहलोत ने किसानों के कर्ज माफी को लेकर खूब माथापच्ची की, लेकिन अब तक कोई हल निकल नहीं पाया है. समस्या यह है कि राजस्थान सरकार के पास पैसा है ही नहीं. मौजूदा बजट में सरकार के उधार लेने की सीमा 28 हजार करोड़ है जबकि वसुंधरा सरकार अब तक 24,557 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है. ऐसे में कर्ज माफी के लिए पैसा कहां से आए यह बड़ा सिरदर्द बना हुआ है.
58 लाख से ज्यादा किसानों पर कर्ज
राज्य में कुल 58 लाख 85 हजार 961 किसानों पर 99 हजार 995 करोड़ का कर्ज है. इसमें अल्पकालीन कर्ज 47 लाख किसानों के ऊपर 77 हजार 668 करोड़ का है. अब सरकार को तय करना है कि संपूर्ण कर्ज माफ करना है या फिर अल्पकालीन कर्ज माफ करना है. माफ किए जाने वाले कर्ज की सीमा कितनी रखनी है क्योंकि राजस्थान के चुनाव में राहुल गांधी ने इसका वादा तो किया था लेकिन यह नहीं बताया था कितना माफ करेंगे और किन किन किसानों का माफ करेंगे. अशोक गहलोत कह रहे हैं कि राहुल गांधी का क्या हुआ वादा हर हाल में हम पूरा करेंगे. गहलोत आज मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे और 8 सिविल लाइंस में अफसरों के साथ मीटिंग की.
किनका कर्ज माफ करें, किनका नहीं
सरकार बनने के साथ ही राजस्थान सरकार के अधिकारी सहकारी बैंकों के साथ मिलकर ऋण माफी का खाका तैयार करने में लग गए हैं. राजस्थान में 18 लाख से अधिक किसानों ने 30 हजार करोड़ सहकारी ऋण बैंकों से ऋण ले रखा है. जबकि व्यवसायिक बैंकों से करीब 33 लाख किसानों ने 54 हजार करोड़ रुपये का लोन ले रखा है. इसके अलावा नए-पुराने निजी बैंक, ओवरसीज बैंक और दूसरे राष्ट्रीयकृत बैंकों से भी किसानों ने लोन ले रखा है. सरकार माथापच्ची इस बात पर कर रही है कि यह किन किन किसानों का ऋण माफ किया जाए. उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का कहना है कि 10 दिन के अंदर हम वादा पूरा करेंगे.
खाका पर विचार विमर्श
पायलट और गहलोत की दिन भर की माथापच्ची में यह संभावित शर्तें निकल कर आई हैं. पहला कि छोटे किसानों के लघु अवधि के लिए गए कृषि ऋण को माफ किया जाए. दूसरा फसल उत्पादन पर लिया गया ऋण ही माफ हो किसी उपकरण पर नहीं. तीसरा 2 लाख रुपये तक के कृषि कर्ज माफी दी जाए और चौथा 2 एकड़ से कम जमीन वाले किसानों की ऋण माफी हो. लेकिन अभी तक कोई भी फैसला नहीं हो पाया है. राजस्थान सरकार का कहना है कि एक बार मंत्रिमंडल का गठन हो जाए फिर उसकी मंजूरी के बाद ही किसानों के कर्ज माफी की राह खुलेगी.