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सरकार और गुर्जर आंदोलनकारियों में सहमति, अब आरक्षण के लिए विधेयक की तैयारी

तमाम सियासी उठापटक और रेल से सड़क तक प्रदर्शन के बीच गुर्जर आंदोलन मामले में नया ट्वि‍स्ट आ गया है. सरकार आख‍िरकार गुर्जरों को सरकारी नौकरी में पांच फीसदी आरक्षण को लेकर राजी हो गई है. गुर्जर नेताओं और सरकार की गुरुवार को हुई बाचतीच में इस बाबत सहमति बन गई है और राजस्थान सरकार ने इस ओर विधेयक लाने की बात कही है.

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तमाम सियासी उठापटक और रेल से सड़क तक प्रदर्शन के बीच गुर्जर आंदोलन मामले में नया ट्वि‍स्ट आ गया है. सरकार आख‍िरकार गुर्जरों को सरकारी नौकरी में पांच फीसदी आरक्षण को लेकर राजी हो गई है. गुर्जर नेताओं और सरकार की गुरुवार को हुई बाचतीच में इस बाबत सहमति बन गई है और राजस्थान सरकार ने इस ओर विधेयक लाने की बात कही है.

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यह दिलचस्प है क्योंकि राजस्थान हाईकोर्ट के सख्त आदेश के बाद भी गुरुवार को गुर्जर आंदोलनकारी रेल की पटरियों और सड़कों से नहीं हट रहे हैं. दोपहर तक आंदोलन थमने के अभी कोई आसार नजर नहीं आ रहे थे, लेकिन शाम ढलते-ढलते गुर्जर नेताओं और राजस्थान सरकार के बीच बातचीत पर अब सहमति बन गई है. हालांकि इससे पहले यह भी खबर आई थी कि गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला और राजस्थान सरकार के बीच जयपुर में होने वाली बातचीत टल गई है.

क्या और किन बातों पर हुआ समझौता
इस समझौते के साथ ही राजस्थान में आठ दिनों से चला आ रहा गुर्जर आंदोलन खत्म हो गया है. अब आरक्षण के लिए विधानसभा में कानून बनाकर उसे संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाएगा. राजस्थान में अब कुल आरक्षण 54 फीसदी हो जाएगा. इसके लिए गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला और राज्य सरकार के तीन मंत्रियों के बीच लिखित समझौता हुआ है.

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सबसे बड़ी बात यह है कि पिछली अशोक गहलोत सरकार ने भी गुर्जरों को 5 फीसदी आरक्षण स्पेशल बैकवर्ड क्लास बनाकर दिया था, जिससे राज्य में कुल आरक्षण 54 फीसदी हो गया था. उस वक्त गरीब सवर्णों के लिए 14 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गई थी. जिसके बाद राजस्थान हाई कोर्ट ने गुर्जर आरक्षण पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता है. ताजा समझौते के बाद इस ओर सबसे नई बात यह है कि इसे 9वीं अनुसूची में डाला जाएगा.

बुरी तरह प्रभावित हुआ रेलवे
इस बीच, गुर्जर आंदोलन की वजह से 326 ट्रेनें रद्द हो गई हैं. हजारों यात्री रेलवे सेवा बहाल होने के इंतजार में हैं. राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को प्रदेश सरकार को आदेश दिया था कि वह आरक्षण की मांग पर अड़े आंदोलनकारियों को पटरियों और सड़कों से हटाए. अदालत ने मुख्य सचिव को कार्रवाई रिपोर्ट के साथ तलब किया था. कोर्ट ने यातायात बहाल न होने पर राज्य के मुख्य सचिव व DGP को फटकार लगाई है.

आंदोलनकारी नेताओं से सरकार की बातचीत 26 मई को जयपुर में शुरू हुई थी, लेकिन लगातार बैठकों के बाद भी चार दौर की वार्ता बेनतीजा रही. गुर्जर नेता पांच फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर तर्क देते रहे और राजस्थान सरकार कानून और संविधान की दुहाई देती रही.

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गुर्जर नेता इस बात पर अड़े रहे थे कि राजस्थान सरकार पचास फीसदी के अंदर गुर्जरों को पांच फीसदी आरक्षण दिलवाए, वहीं राजस्थान सरकार यह कहती रही कि ओबीसी कोटे में बंटवारे से राज्य में सामाजिक समरसता बिगड़ेगी.

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