राजस्थान में वसुंधरा सरकार ने गुर्जरों को 1 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया है. राजस्थान सरकार ने गुर्जरों के आरक्षण के लिए अति पिछड़ा श्रेणी बनाते हुए 1 फ़ीसदी आरक्षण देने का आज नोटिफिकेशन जारी किया. एक फीसदी आरक्षण को लेकर अब राजनीति गरमाने लगी है. गुर्जर नेताओं का कहना है कि वो इसका विरोध करेंगे.
इससे पहले सरकार ने गुर्जर समेत पांच जातियों को 5 फ़ीसदी आरक्षण दिया था, लेकिन राज्य में आरक्षण की कुल सीमा 54 फ़ीसदी हो गई थी. ऐसे में राजस्थान हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी. इसके बाद सरकार ने राजस्थान विधानसभा में विधेयक लाकर ओबीसी के अंदर ही गुर्जरों को पांच फीसदी आरक्षण दिया, लेकिन उस पर भी हाईकोर्ट ने रोक लगा दी.
कोई रास्ता नहीं निकलता देख कर सरकार ने गुर्जरों को एक फीसदी आरक्षण देकर खुश करने की कोशिश की है. एक फ़ीसदी आरक्षण के बाद राज्य में आरक्षण की कुल सीमा 50 फ़ीसदी हो गई है. इस एक फीसदी की आरक्षण की वजह से राज्य में कई भर्तियां रुकी हुई थी.
दरअसल इससे पहले भी 2010 में सरकार ने गुर्जरों को 1 फ़ीसदी आरक्षण दिया था, लेकिन गुर्जर तब नहीं माने तो फिर सरकार ने 5 फ़ीसदी आरक्षण देने का विधेयक राजस्थान विधानसभा में पारित किया था. एक फीसदी आरक्षण पर गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने कहा कि हम इसका विरोध करेंगे और आगे आने वाले चुनाव में बीजेपी के खिलाफ वोट देने की अपील करेंगें.
हालांकि दूसरी तरफ सरकारी नौकरियों में आरक्षण का इंतजार कर रहे गुर्जर छात्र खुश हैं कि कम से कम एक फीसदी ही आरक्षण के तहत उन्हें नौकरी मिलेगी.