झूठे मुकदमे दर्ज कराने वालों की अब राजस्थान में खैर नहीं है. बढ़ते झूठे मुकदमों को रोकने के लिए राजस्थान सरकार ने ऐलान किया है कि अब जो भी मुकदमे झूठे निकलेंगे उसमें मुकदमे दर्ज कराने वालों पर सरकार मुकदमा दर्ज करवाएगी.
6 महीने की होती है सजा
पुलिस को निर्देश दिया गया है कि ऐसे सभी मामलों में कोर्ट में ही झूठा मुकदमा दर्ज कराने वालों के खिलाफ परिवाद पेश किया जाएगा. सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 182 के तहत पुलिस थाने में भी मुकदमा दर्ज करवाएगी. ऐसे मामलों में 6 महीने की कारावास की सजा है लेकिन कभी पुलिस इस धारा का उपयोग कर झूठे मुकदमे दर्ज कराने वालों को सजा नही दिलवाती.
बेकसूर लोग होते हैं परेशान
राज्य के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि झूठे मामले दर्ज होने से समय के साथ-साथ पुलिस के संसाधन भी खर्च होते हैं. बेकसूर लोग परेशान होते हैं. जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देश जारी किए गए हैं. हमने इन मामलों की छंटनी करवाई है, जिसमें एक ही व्यक्ति ने एक से अधिक झूठे मामले दर्ज करवाए हैं.
रेप के 30 फीसदी केस झूठे
राजस्थान के 2016 के अब तक के दर्ज मामलों में से सबसे ज्यादा अपहरण के झूठे मामले दर्ज हुए हैं जबकि करीब 30 फीसदी बलात्कार और महिला अत्याचार के झूठे मुकदमे दर्ज हुए हैं. अपहरण के 2234 मामले दर्ज हुए थे जिसमें से 1063 झूठे पाए गए हैं. रेप के कुल 1835 मामले दर्ज हुए थे जिसमें से 653 मामले झूठे निकले हैं. वहीं महिला उत्पीड़न के 7005 मामले दर्ज हुए हैं जिसमें से 2700 झूठे निकले हैं.
बेकसूर लोगों का होगा बचाव
गृह मंत्री कटारिया के अनुसार जमीनें महंगी होने की वजह से झगड़ा बढ़ा है और इसे लेकर ही सबसे ज्यादा झूठे मामले दर्ज होते हैं. इन्हें रोकने के लिए उल्टा मामला दर्ज करवाने की मुहिम से बेकसूर बचेंगें.