राजस्थान में गुर्जरों को आरक्षण देने के लिए गहलोत सरकार ने बड़ा फैसला किया है. खेल मंत्री अशोक चांदना ने कैबिनेट की मीटिंग के बाद ऐलान किया कि गुर्जरों के आरक्षण के लिए राजस्थान विधानसभा में प्रस्ताव आएगा. सरकार के मुताबिक प्रस्ताव पारित होने के बाद गुर्जरों की मांग पूरी हो जाएगी और इसके साथ ही उनका आंदोलन खत्म हो जाएगा. बुधवार को विधानसभा में गुर्जरों को 5 फीसदी आरक्षण देने के लिए एक बार फिर से प्रस्ताव लाया जा सकता है. यह तीसरी बार होगा जब राजस्थान विधानसभा में गुर्जरों को 5 फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव पेश किया जाएगा.
विधानसभा की ओर से आरक्षण के प्रस्ताव को पारित करके केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा कि जिस तर्ज पर गरीब अगड़ों को 10 फीसदी आरक्षण केंद्र सरकार ने दिया है उसी तर्ज पर गुर्जरों के पांच फीसदी आरक्षण के लिए संविधान संशोधन किया जाए. ऐसा करके कांग्रेस सरकार गुर्जर आरक्षण का गेंद केंद्र की बीजेपी सरकार के पाले में डालना चाहती है. माना जा रहा है कि इस बिल के पारित होने के बाद राजस्थान में गुर्जर आरक्षण का आंदोलन खत्म हो सकता है और लाखो लोगों को राहत मिल सकती है.
गुर्जर आरक्षण की वजह से जगह-जगह हजारों लोग फंसे हुए हैं. पिछले 5 दिनों में 45 ट्रेनें प्रभावित हुईं जिसमें 14 ट्रेनें रद्द की गईं, जबकि लाखों लोग इससे प्रभावित हुए हैं. कैबिनेट की मीटिंग के बाद खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि गुर्जर जो मांग रहे हैं उसकी मांग विधानसभा में पारित कर दिया जाएगा और उसके बाद गुर्जर आंदोलन खत्म हो जाएगा.
कांग्रेस के लिए मजबूरी भी है कि जल्द से जल्द वह गुर्जर आरक्षण के आंदोलन को खत्म करे क्योंकि जगह-जगह हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही थी. इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 14 फरवरी को अजमेर में सेवादल के कार्यक्रम में आ रहे हैं और उस इलाके में भी गुर्जर आरक्षण को लेकर आंदोलित हैं. यह भी कहा जा रहा है कि गुर्जर आरक्षण का बिल लाने से सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनने से नाराज गुर्जर एक बार फिर कांग्रेस की तरफ लौट सकते हैं.
पिछले हफ्ते गुर्जर समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर एक बार अपना आंदोलन शुरू किया है और कई जगह रेल पटरियों को जाम कर दिया है. आंदोलनकारियों ने दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर रेलगाड़ियों की आवाजाही रोक दी है. गुर्जर समुदाय के लोग राजस्थान में नौकरियों और कालेजों में 5 फीसदी आरक्षण की मांग कर रहे हैं.
आंदोलनकारियों के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा, "हम अपने समुदाय के लिए उसी तरह पांच फीसदी आरक्षण चाहते हैं, जिस तरह केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया है. सरकार की ओर से हमारी मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है. कोई हमसे बातचीत करने भी नहीं आया, इसलिए हमें मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा है."
उधर, राजस्थान सरकार का कहना है कि गुर्जर आंदोलन खत्म हो और उसके नुमाइंदे सरकार से वार्ता करें लेकिन ऐसा कुछ भी होता नहीं दिख रहा. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने वार्ता के लिए 3 मंत्रियों की एक समिति भी बनाई है लेकिन दोनों पक्षों का आरोप है कि कोई वार्ता के लिए आगे नहीं बढ़ रहा जिससे स्थिति और खराब हो रही है.