राजस्थान हाईकोर्ट के जज महेशचंद शर्मा ने कहा, कि देश के हर व्यक्ति को गौमूत्र का सेवन करना चाहिए. गौमूत्र के सेवन से पूर्व जन्म के पाप मिट जाते हैं. उनका कहना है कि गौ मूत्र में गंगा निवास करती है. गंगा पापनाशिनी होती है.
उन्होंने कहा कि गौमूत्र के सेवन से पूर्व जन्म के पापों को नष्ट किया जाता है. उन्होंने अपने फैसलें में लिखा कि गौमूत्र वो रसायन है जो इंसान को बूढ़ा नहीं होने देता है. साथ ही शरीर में किसी भी खनिज की कमी हो तो गौमूत्र पीने से उसकी पूर्ति हो जाती है. यही नहीं नियमित गौमूत्र पीने से इंसान को सात्विक बुद्धी भी आती है. उनके अनुसार हृदय, लिवर ,खून की कमी, गठिया समेत सभी गंभीर रोगों का इलाज गौमूत्र के सेवन हो जाएगा.
गाय के गोबर से होता है किटाणुओं का नाश
हिंगोनिा गौशाला मामले में अपना फैसला देते हुए उन्होंने देश के सभी लोगों से कहा है कि अपने घर के दीवार, छत और फर्श को गाय के गोबर से हीं लीपें. इससे घर रेडियो विकिरण से सुरक्षित रहेगा. साथ ही हैजे जैसी बिमारियों के किटाणु गोबर से नष्ट हो जाते हैं. जज साहब के अनुसार 10 ग्राम गाय के घी से घर में यज्ञ करने से घर में एक टन ऑक्सिजन पैदा होती है. उनका कहना है कि किसी भी तरह के घाव पर गाय के घी लगाने से घाव ठीक हो जाता है. गाय के घी पीने से नेत्र की रोशनी लौट आती है. साथ ही स्मरण शक्ति बढती है और मन शांत रहता है. उन्होंने बताया कि गाय के सिंग में अलौकिक शक्तियां होती हैं.
गाय की लार से होता है घर पवित्र
उन्होंने अपनी बातों को सहीं ठहराने के लिए अलग-अलग देशों के वैज्ञानिकों के नाम भी लिए हैं. रुसी वैज्ञानिक शोरोविच के रिसर्च की महत्ता बताते हुए अपने फैसले में लिखा कि गाय के रंभाने से वातावरण में किटाणु नष्ट होते हैं. साथ ही ये भी लिखा कि घर्मशास्त्रों के अनुसार अपने घर के बाहर गाय और बछड़े को रखें. क्योंकि जब गाय अपने बछड़े को दुलारती है, तो उसके मुंह से निकला हुआ लार धरती पर गिरकर उसको पवित्र बनाता है. साथ ही वहां होने वाले समस्त दोषों का नाश करता है.
उन्होंने लिखा कि टीवी मीडिया में हिंगोनिया गौशाला की तस्वीरें देखकर वो विचलित हो गए थे. गौ हत्या का पाप मनुष्य हत्या के समान है. इसलिए गो हत्या का दंड भी आजीवन कारावास होनी चाहिए. बता दें कि उन्होंने बुधवार को रिटायरमेंट से पहले गाय को लेकर अपना जजमेंट जारी किया था.