राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) के विरोधी गुट एक बार फिर अपना वर्चस्व साबित करने की कोशिश करेंगे. राजस्थान हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि दोनों धड़ों को आपसी सहमति से नए 'अविश्वास प्रस्ताव' पर सहमत होना होगा. जिसे दोबारा पेश किया जाएगा.
अदालत ने साथ ही दोनों गुटों से कहा कि वे सेवानिवृत्त न्यायाधीश का नाम बताएं जिनके निरीक्षण में 'अविश्वास प्रस्ताव' पेश किया जाएगा. जिला क्रिकेट संघों, उनके सचिवों और आरसीए की कार्यकारी समिति के सदस्यों सहित 26 याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई करते न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी ने कहा कि इस गतिरोध को खत्म करने का यही तरीका है कि अविश्वास प्रस्ताव पर दोबारा मतदान कराया जाए या सेवानिवृत्त न्यायाधीश के निरीक्षण में दोबारा चुनाव हों.
यह याचिका नौ मार्च को सवाई मान सिंह स्टेडियम में अमीन पठान और उनके साथियों द्वारा अनुचित तरीके से ललित मोदी के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ दायर की गई थी. माननीय न्यायमूर्ति ने दोनों विरोधी गुटों से कहा कि वे आपसी सहमति से नये अविश्वास प्रस्ताव या नए चुनाव के लिए सहमत हों और पुलिस के निरीक्षण में होने वाले मतदान की अध्यक्षता और निरीक्षण के लिए एक व्यक्ति का नाम सामने रखें.
अदालत ने कहा कि अगर दोनों पक्ष ऐसा करने में नाकाम रहे तो 29 सितंबर को अगली सुनवाई में अदालत स्वयं अविश्वास प्रस्ताव की तारीख घोषित करने के अलावा स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान के लिए अध्यक्ष की नियुक्ति करेगी.
-इनपुट भाषा